बाबा रामदेव : यह हार नहीं पहला पड़ाव है ...



- अरविन्द सिसोदिया
      बाबा रामदेव का काला धन देश में वापस लाने का अभियान का पहला चरण पूरा हो गया ..! देश ने यह भी देख लिया की काला धन नाम सुनते ही सोनिया सरकार किस तरह बौखला जाती है ..! तमाम संवैधानिक मर्यादाएं भूल जाती है ! ४ जून को दिल्ली में वाही हुआ जो ३/४  जून १९८९ चीनमें प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ हुआ था| चीन के श्यानामान चौराहे पर 1989 में छात्र आंदोलन हुआ था. 3-4 जून को. चीन ने टैंकों से छात्र आंदोलन कुचल दिया. 
रामदेव पिछले नौ दिन से भ्रष्टाचार और विदेशों में काले धन के मुद्दे को लेकर अनशन पर थे. सरकार के साथ बातचीत नाकाम हो जाने के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ मुहिम छेड़ दी और उन्होंने एक के बाद एक झूठे और गैर जरुरी बार करते हुए उन्हें आरएसएस का तक  करार दिया.
सरकार पर वार
वहीं बीजेपी ने रामदेव का अनशन खत्म होने पर राहत की सांस ली है लेकिन सरकार पर अपने हमले जारी रखे हैं. बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें खुशी है कि रामदेव ने अहम संतों और आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत की अपीलों पर अपना अनशन तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता लाल कृष्ण ने पहली बार मई 2009 में काले धन का मुद्दा उठाया और पार्टी ने इसके खिलाफ विशेष मुहिम चलाई.
प्रसाद के मुताबिक, "मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोई कदम उठाने के बजाय रामलीला मैदान में दमनकारी कार्रवाई कराई जो सभ्य लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में दमन की सबसे बुरी मिसाल है." रामलीला मैदान में आधी रात को पुलिस ने अनशन पर बैठे रामदेव और उनके साथियों पर कार्रवाई की जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर सरकार के नकारेपन को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, "बीजेपी इन मुद्दों पर कांग्रेस का भंडाफोड़ करती रहेगी और इस बात को सुनिश्चित करेगी कि भ्रष्टाचार के बारे में लोगों के गुस्से को लोकतांत्रिक तरीके से जाहिर किया जाए."
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देहरादून।। बाबा रामदेव ने संत समाज की अपील पर रविवार को नौ दिन से चला आ रहा अपना अनशन तोड़ दिया है। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बताया कि बाबा रामदेव ने हिमालयन हॉस्पिटल में उनके हाथ से जूस पीकर अपना अनशन तोड़ा। अनशन तोड़ने के बाद बाबा ने कहा कि करप्शन के खिलाफ उनकी लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रहेगी।

आखिरी सांस तक जारी रहेगी लड़ाई
बाबा रामदेव के सहयोगी और उनके साथ अनशन पर बैठे आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि बाबा रामदेव ने संत समाज, हरिद्वार के अखाड़ों और अपने करोड़ों भक्तों के आग्रह पर अनशन खत्म करने का निर्णय लिया। बालकृष्ण ने कहा कि मांगें पूरी हुए बगैर बाबा के अनशन तोड़ने को हार के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बाबा रामदेव ने अनशन खत्म करने के बाद कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ वह आखिरी सांस तक लड़ाई जारी रखेंगे।

बाबा को मनाने पहुंचा था संत समाज
रविवार सुबह आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर तीसरी बार बाबा को मनाने के लिए हिमालयन हॉस्पिटल पहुंचे। उनके साथ धार्मिक गुरु मुरारी बापू और कृपालु महाराज भी बाबा से मिले। हरिद्वार से संतो का जत्था भी बाबा से मिलने आया था। सभी बाबा से अनशन तोड़ने की अपील की। संत मुरारी बापू ने कहा, 'हमने बाबा से अपील की कि आपका संदेश देश के घर-घर तक ही नहीं घट-घट तक पहुंच गया है, इसलिए आप अपना अनशन समाप्त कीजिए। उन्होंने हमारी मांग मान ली।'

नेता भी पहुंचे बाबा को मनाने
रविवार को बाबा रामदेव को मनाने के लिए संत समाज के लोगों से पहले दूसरी पार्टियों के नेता भी पहुंचे। प्रकाश सिंह बादल, ओमप्रकाश चौटाला और सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार सुबह बाबा से मुलाकात की। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा, ' भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन में बाबा अपने उद्देश्य से ज्यादा सफल हुए हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार के प्रति पूरे देश को जागरूक किया है। सरकार के झुकने या नहीं झुकाने का प्रश्न नहीं है। अब यह भ्रष्ट सरकार हटाने का प्रश्न है।'

रविशंकर ने निभाया वादा
दो दिन से देहरादून में जमे श्री श्री रविशंकर ने शनिवार को कहा था कि अगर बाबा रामदेव अनशन नहीं तोड़ने पर अड़े हैं, तो मेरी भी जिद है कि उनका अनशन तुड़वाकर ही यहां से जाऊंगा। रविवार को रामदेव ने उन्हीं के हाथ से जूस पीकर अपना अनशन खत्म किया। इस तरह श्री श्री ने अपना वादा निभा दिया।
कांग्रेस की अब भी बौखलाहट  
कांग्रेस के महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "यह अच्छी खबर है कि रामदेव ने अनशन तोड़ दिया है." कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने बड़ी सावधानी से इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अनशन तोड़ने का फैसला रामदेव का है और "इससे कांग्रेस का कोई लेना देना नही है. लेकिन यह उनकी सेहत के लिए अच्छा है. उन्हें पहले ही डॉक्टरों की बात सुन लेनी चाहिए थी."
एक अन्य कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अनशन अब समाधान के बजाय समस्या का हिस्सा बन गए हैं. उनका कहना है, "विरोध के एक बढ़िया तरीके को अस्थिरता का एजेंडा नहीं बनना चाहिए. अब अनशन समाधान के बजाय समस्या का हिस्सा बन गए हैं." उन्होंने दावा किया कि भारत अब उदारवाद के तीसरे दशक में दाखिल हो रहा है और "ऐसे में विरासत से जुड़े कुछ मुद्दों पर रचनात्मक सहयोग की भावना से चर्चा करनी होगी. इसमें व्यवस्था की बेवजह आलोचना से बचना होगा."
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आओ बच्चों तुम्हें दिखाए झाकी घपलिस्तान की.
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की.
बंदों में है दम, राडिया-विनायकयम्.
बंदों में है दम, राडिया-विनायकम्.

उत्तर में घोटाले करती मायावती महान है
दक्षिण में राजा-कनिमोझी करुणा की संतान है.
जमुना जी के तट को देखो कलमाडी की शान है
घाट-घाट का पानी पीते चावला की मुस्कान है.
देखो ये जागीर बनी है बरखा-वीर महान की
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की.
बन्दों में है दम...राडिया-विनायकम्.

ये है अपना जयचंदाना, नाज़ इसे गद्दारी पे.
इसने केवल मूंग दला है मजलूमों की छाती पे.
ये समाज का कोढ़ पल रहा, साम्यवाद के नारों पे
बदल गए हैं सभी अधर्मी भाडे के हत्यारे में .
हिंसा-मक्कारी ही अब,पहचान है हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है हैवान की.
बन्दों में है दम...राडिया-विनायकम्.

देखो मुल्क दलालों का, ईमान जहां पे डोला था.
सत्ता की ताकत को चांदी के जूतों से तोला था.
हर विभाग बाज़ार बना था, हर वजीर इक प्यादा था.
बोली लगी यहाँ सारे मंत्री और अफसरान की.
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है शैतान की.
बन्दों में है दम...नंगे- बेशरम....!

: Pankaj Jha
https://www.facebook.com/jay7feb
द्वारा: ShreshthBharat

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