होली और होली गीत






फाग के भीर अभीरन में गहि गोविन्दै लै गई भीतर गोरी।
भाई करी मन की 'पद्माकर' ऊपर नाई अबीर की झोरी।
छीन पिताम्बर कम्मर ते सु बिदा दई मीड़ कपालन रोरी।
नैन नचाइ, कही मुसकाइ लला फिरी अइयो खेलन होरी।
---------------------

होली

होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से 5 दिन मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते है। दूसरे दिन, जिसे धुरड्डी, धुलेंडी, धुरखेल या धूलिवंदन कहा जाता है, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं, और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं।

राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही, पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्योहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। किसानों का ह्रदय ख़ुशी से नाच उठता है। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों
------------------
 रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे, होली रे। इस तरह के गाने हर साल आपको होली के दिन सुनने को मिल जाते होंगे। बिना नाचे गाने के यह रंगों को त्योहार अधूरा सा होता है। बॉलीवुड फिल्मों में तमाम ऐसे होली के गाने है जो इस रंगों के फेस्टिवल में चार चांद लगा देते हैं। होली के यह गाने आपको झूमने पर मजबूर कर देते हैं।

अमिताभ बच्चन और रेखा पर फिल्माया गाना 'रंग बरसे' का आज तक होली के मौके पर छेड़छाड़ और मस्ती का माहौल बनाने में इस गाने का कोई तोड़ नहीं है। इतना ही नहीं मदर इंडिया का सुपरहिट गीत 'होली आई रे कन्हाई'। इस मधुर गीत का जादू आज भी बरकरार है। फिल्म कटी पतंग का गाना 'आज ना छोडेंगे' होली पर खूब मशहूर हुआ है। इसमें राजेश खन्ना खूब होली के रंग में रंगते नजर आए हैं।

फिल्म बागबां में 'होली खेले रघुवीरा' गाने में हेमा मालिनी संग अमिताभ रंगों से खूब होली खेलते नजर आएं हैं, दोनों को इस गाने में मस्ती कर देख ऐसा लगता है कि मानो इस त्योहार में हर दिल को जवान रखने की क्षमता है। बस अब आप लोग भी अभी से होली के गाने डाउनलोड कर तैयार रहिए नाचने के लिए।
--------------

होली
रंगों से सराबोर गीतों के साथ मनाएं होली, सुनें ये 16 फिल्मी गानें

रंग और उमंग के त्योहार होली पर आधारित गीत श्रोताओं के बीच काफी पसंद किये जाते रहें हैं। हिन्दी फिल्मों...

रंगों से सराबोर गीतों के साथ मनाएं होली, सुनें ये 16 फिल्मी गानें
रंग और उमंग के त्योहार होली पर आधारित गीत श्रोताओं के बीच काफी पसंद किये जाते रहें हैं।

हिन्दी फिल्मों में होली पर आधारित गीतों की शुरआत 1950 के दशक से मानी जाती है। उस दौर में रंग और उमंग के त्योहार पर आधारित कई फिल्में बनी जिनमें होली के गीत रखे गये थे। ये गीत आज भी उतने ही मकबूल हैं, जितने उस जमाने में हुए थे।
निर्माता निर्देशक महबूब खान की 1957 में प्रदर्शित फिल्म मदर इंडिया संभवतः पहली फिल्म थी जिसमें होली का गीत होली आई रे कन्हाई फिल्माया गया था। नरगिस ,राजेन्द्र कुमार और सुनील दत्त अभिनीत इस फिल्म में होली के इस गीत का विशिष्ट स्थान आज भी बरकरार है।

इसके बाद वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म नवरंग में भी होली का गीत ..अरे जा रे हट नटखट फिल्माया गया ।इस गीत से जुड़ा रोचक तथ्य है कि इसमें अभिनेत्री संध्या को गाने के दौरान लड़के और लड़की के भेषमें एक साथ दिखाया गया था। सी रामचंद्र के संगीत निर्देशन आशा भोंसले द्वारा गए भरत व्यास रचित इस सुंदर गीत को सिने प्रेमी आज भी नहीं भूल पाये है।

सत्तर के दशक में कई फिल्मों में होली पर आधारित गीत लिखे गये ।इनमें राजेश खन्ना -आशा पारेख अभिनीत फिल्म कटी पतंग प्रमुख है।आर.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार और लता मंगेशकर की आवाज में रचा बसा यह गीत आज ना छोड़ेगे बस हमजोली खेलेगे हम होली में होली की मस्ती को दिखाया गया है।

इसी दशक में रमेश सिप्पी की सुपरहिट फिल्म शोले में भी होली से जुड़ा गीत फिल्माया गया था ।आर.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में अभिनेत्री हेमा मालिनी पर फिल्माया यह गीत होली के दिन दिल खिल जाते हैं सिने दर्शक आज भी नही भूल पाये है ।

निर्माता -निर्देशक यश चोपड़ा अपनी फिल्मों में होली से जुड़े गीत अक्सर रखते आये है। इनमें अस्सी के दशक में अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म सिलसिला खास तौर पर उल्लेखनीय है ।शिव-हरि के संगीत निर्देशन में सुप्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन रचित गीत रंग बरसे भींगे चुनर वाली गीत होली गीतों में अपना विशिष्ट मुकाम रखता है। इस गीत के बिना होली गीतों की कल्पना ही नही की जा सकती है ।

इसके बाद यश चोपड़ा समय -समय पर अपनी फिल्मों में होली से जुड़े गीत रखते रहे।इनमें हृदयनाथ मंगेशकर के संगीत निर्देशन में 1984 में प्रदर्शित फिल्म मशाल में अनिल कपूर पर फिल्माया गीत ओ देखो होली आई और 1993 में अंग से अंग लगाना सजन हमे ऐसे रंग लगाना श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था ।

नब्बे के दशक के बाद हिंदी फिल्मों में होली गीत रखने की परंपरा काफी हद तक कम हो गयी । वर्ष 2000 में यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म मोहब्बते में शाहरूख खान पर सोनी सोनी अंखियों वाली होली गीत फिल्माया गया । इसके बाद अमिताभ बच्चन की 2003 में रवि चोपड़ा के निर्देशन में प्रदर्शित फिल्म बागबान में भी सुपरस्टार अमिताभ बच्चन पर होली खेले रघुवीरा अवध में फिल्माया गया ।

इसी तरह हिंदी फिल्मों में समय-समय पर होली पर आधारित कई गीत फिल्माये गये ।इन गीतों में तन रंग लो जी आज मन रंग लो,होली आई रे,दिल में होली जल रही है,आओ रे आओ खेलो होली बिरज में,जोगी जी धीरे धीरे,मल के गुलाल मोहे आई होली आई रे,अपने रंग में रंग दे मुझको.हर रंग सच्चा रे सच्चा,लेटस प्ले होली,बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी जैसे कई गीत शामिल है ।
----------------------  

दीपक श्रीवास्तव » भोजपुरी होली गीत
भोजपुरी होली गीत

फगुवा में भंगवा के ले ल चुसकी।
बुढवा सटक गईल, अब पटकी।।

मस्ती के तरंग बा, तरंग में उमंग बा,
लागता के सबकर एक्के गो ढंग बा।
ऐ चाचा, ऐ बाबा, कहाँ गईलू हो भौजी
केहुवो चिन्हाते नईखे, मुंहवा पे रंग बा।
उज्ज़र कपड़वा त अब खटकी।
बुढवा सटक गईल, अब पटकी।।1।।

भर पिचकारी रंग घोर मारे ससुरा,
भौजी त मगन रंग जोर मारे भसुरा।
पकड़ हो, छोड़ हो, भाग हो, दौर हो
दूबे पाणे भाग भइलें, फंस गईलें मिसरा।
गोझिया मिठईया सब केहू गटकी।
बुढवा सटक गईल, अब पटकी।।2।।

प्रेम ठिठोलिया के होली त्योहार बा,
लागता के आज त अलगे संसार बा।
लाल बाटे, पीला बाटे, हरा औरी नीला बाटे
इन्हीं में घोर द हो मन में जो रार बा।
रंगवा भरल भर-भर मटकी।
बुढवा सटक गईल, अब पटकी।।3।।
--------------
कृष्‍ण कुमार चन्‍द्रा का होली गीत
होली गीत
बिना रंग लगाये मैं हो गया लाल
तेरी आंखों का है ये कमाल गोरी
फागुन मदमस्‍त हुआ, आया मधुमास रे
मन की अगन से ही, खिलता पलाश रे
भौंरों ने बदली है चाल गोरी...
तेरी आंखों का है ये कमाल गोरी
मौसम मधुशाला है, महुआ गिलास में
फूलों की खुशबू है, उजले लिबास में
होठों की लाली सम्‍भाल गोरी...
तेरी आंखों का है ये कमाल गोरी
तू मेरी मीरा है, तू ही तो राधा
जीवन भर मैंने तो, तुमको ही साधा
मैं ही हूँ तेरा नंदलाल गोरी...
तेरी आंखों का है ये कमाल गोरी
-----------------
रचनाकार: रमा द्विवेदी

आयी है रंगो की बहार
गोरी होली खेलन चली
ललिता भी खेले विशाखा भी खेले
संग में खेले नंदलाल...
गोरी होली खेलन चली ।
लाल गुलाल वे मल मल लगावें
होवत होवें लाल लाल...
गोरी होली खेलन चली
रूठी राधिका को श्याम मनावें
प्रेम में हुए हैं निहाल...
गोरी होली खेलन चली
सब रंगों में प्रेम रंग सांचा
लागत जियरा मारै उछाल...
गोरी होली खेलन चली
होली खेलत वे ऐसे मगन भयीं
मनुंआ में रहा न मलाल...
गोरी होली खेलन
तन भी भीग गयो मन भी भीग गयो
भीगा है सोलह शृंगार...
गोरी होली खेलन चली
झ्सको सतावें उसको मनावें
कान्हा की देखो यह चाल...
गोरी होली खेलन चली
कैसे बताऊँ मैं कैसे छुपाऊँ
रंगों ने किया है जो हाल...
गोरी होली खेलन चली
आओ मिल के प्रेम बरसायें
अम्बर तक उड़े गुलाल...
गोरी होली खेलन चली ।

-----------
रचनाकार: गुलाब खंडेलवाल
मेरी आँखों में पड़ गयी गुलाल, पिया!
रेशम की सुन्दर साड़ी मसक गयी, प्रीत बनी जंजाल, पिया!

रूप निगोड़ा कहाँ लेके जाऊँ, लद गयी फूलों से डाल, पिया!
रस के भरे कचनार-सी बाँहें, गोरे गुलाब-से गाल, पिया!

मान भी कैसे करूँ अब तुमसे, आये बिताकर साल, पिया!
इतने दिनों पर याद तो आयी! हो गयी मैं तो निहाल, पिया!

एक ही रंग में भीजे हैं दोनों, एक है दोनों का हाल, पिया!
साँवरे-गोरे का भेद कहाँ अब, तन-मन लाल ही लाल, पिया!

आँखों में अंजन, माथे पे बिँदिया, हाथ अबीर का थाल, पिया!
बचके गुलाब अब जा न सकोगे, लाख चलो हमसे चाल, पिया!

मेरी आँखों में पड़ गयी गुलाल, पिया!
रेशम की सुन्दर साड़ी मसक गयी, प्रीत बनी जंजाल, पिया!
----------------------

वसंत रागिनी- कोटा शैली में रागमाला शृंखला का एक लघुचित्र

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

विश्व व्यापी है हिन्दुओँ का वैदिक कालीन होली पर्व Holi festival of Vedic period is world wide

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

कांग्रेस ने देश को भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और आतंकवाद दियाः भजन लाल शर्मा bjp rajasthan

भाजपा की सुपरफ़ास्ट भजनलाल शर्मा सरकार नें ऐतिहासिक उपलब्धियां का इतिहास रचा

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता का प्रमाण

सिसोदिया से जब इस्तीफा लिया तो अब स्वयं केजरीवाल इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे - अरविन्द सिसोदिया

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग