अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करूंगी - श्रीमती वसुंधरा राजे



किसी के दवाब में उम्मीदवार का चयन नहीं: राजे
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा है कि आगामी विधान सभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार का चयन किसी दबाव में नहीं किया जायेगा.
राजे ने शनिवार (२३  मार्च २ ० १ ३) को राजस्थान भाजपा कार्यसमिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि टिकट वितरण प्रक्रिया में मतदान केन्द्र के नीचे तक की जानकारी, कार्यकर्ताओं की राय और सर्वे के आधार पर जनाधार, निष्पक्षता, पारदर्शिता, प्रमाणिकता के मापदंड वाले व्यक्ति ही उम्मीदवार बनायेंगे. उन्होने कहा कि किसी के कहने, दबाव या किसी प्रकार के लोभ से उम्मीदवार का चयन नहीं होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि मेरे या अन्य किसी नेता के नजदीक होने के आधार पर किसी को उम्मीदवारी नहीं मिलेगी. उन्होने कहा कि पार्टीजन संगठन के दिशा निर्देशों का पालन करें. उन्होने कहा कि राज्य की आर्थिक, कानून व्यवस्था बिगडी हुई है मंहगाई से आम आदमी परेशान है.भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा अरूण चतुर्वेदी ने कार्यसमिति की बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि कार्यसमिति ने प्रदेश की आर्थिक, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर प्रस्ताव पारित कर बिगडे हालात पर चिन्ता जतायी है.
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अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करूंगी-श्रीमती वसुंधरा राजे
by associate

जयपुर। प्रदेश भाजपा कायसमिति की बैठक में शनिवार को अध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे ने जो विचार रखे, वे बिंदुवार इस प्रकार हैं-

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भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति में उपस्थित सभी कार्यकर्ता बंधुओं और बहनों। यह वर्ष स्वामी विवेकानन्द जी की 150वीं शताब्दी है। मैं उन्हें इस अवसर पर नमन करना चाहूंगी। यह हमारा सौभाग्य भी है कि स्वामी विवेकानन्द जी का राजस्थान से बहुत गहरा संबंध रहा। मैं आप सब की हृदय से आभारी हूं, जिनके, स्नेह, सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद से मुझे यह दायित्व मिला। मैं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी जी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण जी आडवाणी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह जी का भी आभार व्यक्त करती हूं, जिनके कुशल मार्गदर्शन में मुझे ये अवसर मिला है।
मैं धन्यवाद देना चाहती हूं श्री अरूण चतुर्वेदी, उनकी पूरी टीम, भाजपा के सभी विधायकों और सांसदों को, जिन्होंने मुझे अपार सहयोग दिया। मैं आदरणीय भाई साहब श्री गुलाब जी कटारिया के प्रति भी आभार प्रकट करना चाहूंगी, जो नेता प्रतिपक्ष के रूप में एक अच्छी पारी खेल रहे हैं। गुलाब जी के नेतृत्व में हमारा भाजपा विधायक दल सदन के अन्दर भी और सदन के बाहर भी, जनता की आवाज बनने में पूरी तरह से कामयाब रहा। मैं यहां आप सबको विश्वास दिलाना चाहती हूं कि, आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हर संभव प्रयास करूंगी। आपको मेरे हर फैसले में आपके समर्थन की मुहर दिखाई देगी।
मित्रों भारतीय जनता पार्टी एक मिशन है। पं. श्री दीनदयाल जी उपाध्याय के विचार, डॉ. श्यामा प्रसाद जी मुखर्जी के बलिदान, स्व. श्री सुन्दर सिंह जी भण्डारी के त्याग और स्व. श्री भैरोंसिंह जी शेखावत के अंत्योदय विकास के साथ एक पूरी पीढ़ी की मेहनत ने भाजपा को खड़ा किया है।
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राष्ट्र की एकता के लिए चाहे 1950 के दशक में भाजपा ने कश्मीर बचाने का आंदोलन किया हो, या 1960 के दशक में गौरक्षा को लेकर देश में जन-जागरण। आपातकाल से छुटकारे के लिए 1970 के दशक में हमारे नेताओं ने जेलों में कांग्रेस की यातनाएं झेली हो, या 1980 के दशक में बोफोर्स में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष किया हो। छद्म धर्म निरपेक्षता के खिलाफ 1990 के दशक में यात्रा की हो, या वर्तमान परिस्थतियों में महिलाओं की सुरक्षा की बात। भाजपा ने ये सब ’’मिशन’’ के रूप में किया। मुझे यह कहते हुए भी गर्व है कि भाजपा ने अटल जी की एनडीए सरकार के माध्यम से वैचारिक आंदोलन की इस पार्टी को सुशासन की राजनीति की ओर बढ़ाया। इसीलिये भाजपा का नारा है कि केवल हम राज नहीं बदलेंगे, हम सुराज भी लायेंगे। राजस्थान के लिए अब वह घड़ी आ गई है – प्रदेश में सुराज लाने के लिए आप जैसी शक्तिशाली भुजाओं का साथ चाहिए। कभी न थकने वाले आपके कदमों की कदमताल चाहिए। आप जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं के हौंसलों की मिसाल चाहिए। आप सबके दिलों में धड़कती हुंकार चाहिए। क्योंकि आपके साथ के बिना, हमारे संघर्षशील कार्यकर्ताओं के सहयोग के बिना और प्रदेश की जनता के आशीर्वाद के बिना ’सुशासन संकल्प, भाजपा विकल्प’ का सपना अधूरा है। हमारे सामने चुनौतियां भी कम नहीं है। क्योंकि आजादी के बाद से लेकर आज तक कांग्रेस का सत्ता पाना ही एक मात्र लक्ष्य रहा है।
इसलिये सावधान, सावचेत और सजग रहकर, हमें हमारी नीतियों और सिद्धांतों से इस चुनाव में विजय पताका फहराना है। लेकिन ध्यान रहे, सत्ता सुख के लिए नहीं, जनता सुख के लिए। राजस्थान पर शासन करने के लिए नहीं, राजस्थान को सुशासन देने के लिए। एक ऐसे नये राजस्थान का निर्माण करने के लिए, जिसमें नया दृष्टिकोण हो। नई सरकार हो, नई सोच हो और नया विकास हो।

हम प्रदेश की जनता को नये सपनों का एक ऐसा नया राजस्थान देना चाहेंगे, जिसमें युवाओं के सपनों को साकार करने का ठोस प्लान हो, महिलाओं के लिए ऊंची उड़ान हो, हमारे अन्नदाता किसान का सम्मान हो, उद्यमियों और व्यापारियों का मान हो। जनता की कल्पना का एक ऐसा नया राजस्थान हो, जहां छत्तीस की छत्तीस कोमे, सब मजहब, सब सम्प्रदाय एक साथ एकजुट होकर नये राजस्थान के निर्माण में भागीदार बने। एक ऐसा नया राजस्थान जहां के रोजगार, सड़क, चिकित्सा, शिक्षा, उद्योग और कानून व्यवस्था की देश और दुनिया में मिसाल दी जाये। ऐसा नया राजस्थान जिसमें कवि की एक ऐसी कल्पना साकार होती दिखाई दे -
भूखा सोये रात ना कोई, प्यासा जागे सुबह न कोई,
हर आंगन बगिया हो जाये, सब मिट्टी सोना उपजाये,
ऐसा हो संकल्प हमारा, राजस्थान उन्नत बन जाये।
दोस्तों, ऐसा करने के लिए हमें कुछ चुनौतियों से बाहर निकलना होगा। क्योंकि देश और प्रदेश की सरकारों के इस निराशाजनक माहौल में, आमजन के मन में भी पश्चाताप के भाव पैदा हो गये कि हमनें ऐसी नाकारा सरकारें क्यों चुनी। क्योंकि कांग्रेस का नेतृत्व जन आंकाक्षाओं को साकार करने में नाकाम रहा है। इसलिये हमें पुनः नये राजस्थान के नारे से समाज में नये संकल्प का संचार करना होगा। उनके मन में भाजपा ही विकल्प को मजबूती के साथ प्रस्तुत करना होगा। हमें भी अपने मन से आलस्य और इर्ष्या के भाव दूर करने होंगे। हम जनता के लिए त्याग की भावना रखेंगे, तभी ये जनता हमें स्वीकार करेगी। आज समाज में मूल्यों की गिरावट पर जो बहस हो रही है, कांग्रेस सरकार सही रास्ता खोजने की बजाय उसको उलझा रही है। जिस प्रकार के महिला विरोधी नये कानूनों की चर्चा इस कांग्रेस सरकार द्वारा की जा रही है। वह न समाज में संस्कारों को बढ़ा सकते है और न ही महिलाओं का इकबाल बुलंद रख सकते हैं। भाजपा ने हमेशा मांग की है कि महिलाओं के गरिमा पूर्वक जीवन के लिए सःशक्त कानून आने चाहिए। इन सबके लिए प्रदेश को भाजपा के मजबूत संगठन की आवश्कता है। एक ऐसे संगठन की, जिसमें उद्यमिता का भाव हो, जिसकी विश्वसनीयता को जनता स्वीकार कर सके। इसके लिए हमें समाज में सकारात्मक, नैतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक शक्तियांे को एकजुट करना होगा। सभी जाति, धर्माें और वर्गाें को पार्टी के साथ जोड़ना होगा। सकारात्मक और विकास की राजनीति पर चलना होगा। तभी हम नये राजस्थान के नारे को मूर्त रूप दे पायेंगे।
इसलिये अब आप भाजपा के संस्कारांे, भाजपा के आदर्शाें और भाजपा के विकास के व्यापक दृष्टिकोण को लेकर कूद जाईये विनाश के खिलाफ विकास की जंग में। जीत निश्चित रूप से आपकी ही होगी। जीत होगी विकास के उन पांच सालों की जिनका सुनहरा इतिहास आपकी भाजपा सरकार ने लिखा था। साढे चार साल तक तो गरीबों का खून चूसा और अब उन्हें झूठे वादों से ठग रही है ये सरकार। शर्म आनी चाहिये। आयेदिन भूख से लोग मर रहे हैं। तंगहाली से तंग आकर गरीब आत्म हत्याएं कर रहे हैं। अपने खून-पसीने से सींची फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने से कर्ज में डूबे राजस्थान के किसान खुदकुशी कर रहे हैं। कर्मचारी भाई सरकार से दुखी होकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांग रहे हैं।
तमाम संघर्षाें के बाद अपनी आबरू नहीं बचा पाने की पीड़ा में महिलाएं आत्म हत्याएं कर रही है। क्या इस बजट से इन लोगों की जान वापस लौटा सकेगी ये सरकार। जवाब दें। जनता को घोषणाओं के झूठे वादे नहीं, इन मौतों का हिसाब चाहिए।
ऽ खेलने कूदने और पढ़ने की उम्र में हमारे बच्चें पड़ौसी राज्यों में कमाने खाने जा रहे हैं। क्या उनका बचपन लौटा देगी ये सरकार। जवाब चाहिये। चार लाख से ज्यादा सरकारी पद रिक्त पडे़ हैं, इसके बावजूद भर्तियां नहीं हो रही। क्या इसका जवाब है सरकार के पास? हमारे अफसर राजस्थान छोड़-छोड़कर दूसरे प्रदेशों में जा रहे हैं। क्या इसका जवाब है सरकार के पास? किस तरह से अपने चहेतों को, अपने रिश्तेदारों को पिछले दरवाजें से सरकारी नौकरियां दी जा रही है।
जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में जिस तरह से भर्तियां की गई, क्या यही है सरकार की पारदर्शिता। जनता को जवाब चाहिए। कान खोलकर सुन ले ये सरकार, ये राजस्थान की स्वाभिमानी जनता है, जिसने घास की रोटी तक खाना मंजूर कर लिया, लेकिन अपने आत्म सम्मान से कभी समझौता नहीं किया। ये सरकार के चिकने चुपड़े लालच में आने वाली नहीं है। मित्रो, विधानसभा का पवित्र भवन ईंट, गारे और पत्थरों का ही नहीं, प्रदेश के पांच करोड़ लोगों की भावनाओं का भी मंदिर है। जहां बोले जाने वाला एक-एक शब्द पवित्र और अटल सत्य होना चाहिये। जनता के ऐसे पुनीत आस्था स्थल में भी झूठी घोषणाएं की जाये, इससे बड़ा और कोई पाप हो ही नहीं सकता। झूठे वादों की इस सरकार ने अपना आखिरी बजट विधानसभा में रखा है। अच्छा होता सरकार पिछली चार बजट घोषणाओं का लेखा-जोखा भी जनता के समक्ष रखती। ताकि प्रदेश की जनता को पता चल जाता कि पिछली 60: घोषणाओं पर भी अमल नहीं कर पाई है ये सरकार और अब फिर से नई घोषणाएं कर रही है। लगातार चार साल से ठगी आ रही प्रदेश की जनता अब मृग मरीचिका की तरह दिखने वाले सरकार के इस बजट रूपी प्रलोभन में आने वाली नहीं है। उसे अब सरकारी खैरात नहीं, अपना और अपने परिवार का व्यापक उत्थान चाहिए। उसे गरीबी की सीमा रेखा से ऊपर एक सम्मानजनक मुकाम चाहिए। हमारे स्वाभिमानी राजस्थानी को अपने प्रदेश का सर्वांगीण विकास चाहिए। जहां सुख, शांति, समृद्धि और विश्वास हो। जहां विकास के साथ, सर्वधर्मसमभाव हो। सच पूछो तो इस सरकार ने हमारे प्रदेश के लिए कुछ नहीं किया। शुरू के ढाई साल तो हमारी भाजपा सरकार द्वारा बनाये गये विकास के रोड मैप के सहारे निकाल दिये, बाकी के ढाई वर्ष झूठे वादों, थोथी घोषणाओं और मेरे विरोध में गवां रहे हैं।
योजना आयोग से वर्ष 2013-14 के लिए 40 हजार 500 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना मंजूर करवाकर सरकार जनता से क्यों तालियां बजवाना चाहती है? पिछली वार्षिक योजना का तो आधा पैसा भी खर्च नहीं कर पाई ये सुस्त सरकार। फिर किस बात की वाहवाही। भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की वर्ष 2012 की रिपोर्ट इस सरकार की धीमी गति को उजागर करने के लिए काफी है। जिसमें कहा गया है कि वन, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, जल संसाधन, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण जैसे विभागांे ने 13वें वित्त आयोग से मिले करोड़ांे रुपये खर्च ही नहीं किये। यहां तक कि प्रधानमंत्री सड़क योजना का पैसा भी यह सरकार खर्च नहीं कर पाई। इस कारण कई विभागों को तो यह राषि वापस लौटानी पड़ी।
मुझे भी मेरे शुभचिंतक, आप जैसे कार्यकर्ता और परिवार के लोग कई बार कहते हैं कि ये आपके खिलाफ हर रोज बोलते हैं, आप क्यों चुप रहती हो? सबको मेरा एक ही जवाब है। जनता ने अपनी आंखों की तेज रोशनी से इनके सब कर्म पढ़ लिये हैं। जिन्हें मुझे बताने की जरूरत नहीं है। सबको पता है, पूरा जग जानता है। और वैसे भी मैं एक महिला हूं। संस्कारित पार्टी की संस्कारित कार्यकर्ता हूं। इसलिये होंठ सीने भी पड़ते हैं और मन के उद्गार दबाने भी पड़ते हैं। कांग्रेस में न ऐसे संस्कार है और न ही ऐसे आचरण। जनता जानती है कि इनका पूरा संगठन झूठ और पाखण्ड की नींव पर खड़ा है।
सौ बार झूठ बोलने से झूठ सच में नहीं बदल जाता। सच, सच ही रहता है। और सांच को कभी आंच नहीं आती। और ये तो जनतंत्र है। जनतंत्र में जनता का उत्तर ही सबसे बड़ा जवाब होता है। जनता ही इंसाफ के तराजू में सही को सही और गलत को गलत ठहराती है। जनता की अदालत दिसम्बर 2013 में अपना फैसला सुनाने वाली है। फैसला क्या होगा, ये आपकी दमकती शक्ले और सामने वालों के बेनूर चेहरों से साफ पता चल रहा है। शायद इसलिये सरकार के मैनेजर गुणा-भाग, और जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं, कि कैसे वापस सत्ता सुख प्राप्त किया जाये। लेकिन अब इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। कांग्रेस कितनी भी गणित लगाये, अब पार पड़ने वाली नहीं है। जनता ने इनका मैथमेटिक्स बिगाड़ दिया है। जनता के गणित में तो ये कभी के माइनस हो चुके हैं।
सत्ता में बने रहने के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है। पहले जगन रेड्डी, मुलायम सिंह और मायावती को सीबीआई से डराया। अब डीएमके नेता एम. करूणा निधि ने केन्द्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया तो सीबीआई से उनके बेटे एम के स्टालिन के घर छापे डलवा दिये। क्योंकि सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस को सत्ता चाहिए।
कांग्रेस सीबीआई को अपना ब्रह्मास्त्र मानती आई है। जिसने राजस्थान में भी इसका भरपूर दुरुपयोग किया। लेकिन जनशक्ति का अस्त्र कांग्रेस के इस ब्रह्मास्त्र को चुटकियों में ही ध्वस्त कर देगा। इस सरकार ने पूरे चार साल झूठ में निकाले। 2008 में जनता से झूठ बोलकर राज्य में सरकार बना ली।
2009 में कड़ी से कड़ी जोड़ने का झूठा वादा करके केन्द्र में सरकार बना ली। लेकिन कड़ी से कड़ी जोड़ने का स्वांग रचकर कांग्रेस सरकार ने केन्द्र से लेकर राज्यों तक जो भ्रष्टाचार, कुशासन, आतंकवाद और आर्थिक अराजकता का माहौल दिया है, उससे पूरा राष्ट्र आहत है। देश में क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान सबसे बड़ा प्रदेश है। जिसका 60 प्रतिशत भू-भाग में रेगिस्तान है।
पाकिस्तान से सटी देश की सबसे बड़ी 1 हजार 40 किलोमीटर लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा यहां है। प्रदेश पर अकाल का प्रकोप रहता है। इसलिये हमारे राज्य को विशेष दर्जे की खास दरकार है। पहाड़ी राज्यों को तो केन्द्र की कांग्रेसनीत सरकार विशेष दर्जा दे सकती है, लेकिन हमारे रेगिस्तानी प्रदेश को नहीं। जहां की भौगोलिक परिस्थितियां इन राज्यों की तुलना में अधिक विषम है। कैसे मुख्यमंत्री है यह। दिल्ली में खुद के दल की सरकार होने के बावजूद हमारे राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिलवा पाये। क्या यही है प्रदेश की जनता को कड़ी से कड़ी जोड़ने की सजा। राजस्थान का कुशासन भी अपने आप में एक उदाहरण बन गया है। जो प्रदेश विकास की दृष्टि से हर क्षेत्र में पांच साल पहले आगे था, वह आज फिर से बीमारू बन गया है। शिक्षा, बिजली, सड़क, पेयजल, उद्योग, रोजगार, महिला उत्थान, चिकित्सा, नरेगा, कृषि सहित सभी क्षेत्रों में केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने हमारी पिछली भाजपा सरकार की एक बार नहीं कई बार प्रशंसा की थी। जिस नरेगा में हम हमारे समय में देश में सबसे अव्वल थे, आज उस नरेगा में हम देश में सबसे पीछे हो गये हैं। राज्य की जो विकास दर हमारे समय में 9.09 प्रतिशत थी, इस सरकार के चार साल पूरे होने के बावजूद 5 प्रतिशत से भी कम रह गई। जो कृषि विकास दर हमारे समय में 4.19 प्रतिशत थी, वह घटकर 2.50 प्रतिशत रह गई है। औद्योगिक विकास दर की बात करें तो वह हमारे समय में 7.09 प्रतिशत थी, वो भी घटकर करीब 5 प्रतिशत रह गई है। यही हाल सर्विस टैक्स विकास दर का है यह हमारे समय में 12.89 प्रतिशत थी अब 7 प्रतिशत पर आकर टिक गई है। यानि हर क्षेत्र में फिसड्डी।
आज पूरा प्रदेश अंधकार में है। गांवों में ही नहीं शहरों मंे भी बिजली का संकट है। जो घरेलू बिजली हमारे समय में गांवों में भी 20 से 22 घण्टे मिलती थी, आज मुश्किल से 6-7 घण्टे भी नहीं मिलती। कम्पनियों का घाटा 15 हजार करोड़ से बढ़कर 56 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। बिजली कम्पनियां 60 हजार करोड़ के कर्जे में डूबी है। हमारे समय में हमने साफ कहा था, कि जब तक प्रदेश के लिए अच्छी क्वालिटी की बिजली का इंतजाम नहीं कर देते, बिजली के दाम नहीं बढ़ायेंगे। हमने इनकी तरह बिजली के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी भी नहीं की और प्रदेश को अच्छी क्वालिटी की बिजली भी दी। बिजली की दरें नहीं बढ़ाने और निर्बाध बिजली आपूर्ति का वादा करके कांग्रेस चुनाव जीत गई।
लेकिन सत्ता में आने के बाद ये सरकार जनता को अच्छी क्वालिटी की बिजली भी नहीं दे रही और बिजली के दामों में भारी बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं की कमर तोड़ रही है। सड़कों की भी राजस्थान में बहुत खराब स्थिति है। जबकि सड़क निर्माण में हमारी भाजपा सरकार को केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने पूरे देश में नम्बर वन बताया था। ये हमारे लिये कितनी लज्जाजनक बात है कि राजस्थान की खराब सड़कों के कारण पड़ौसी राज्यों ने अपनी बसें चलाना भी बंद कर दी थी। जो बड़ी मुश्किल से मान मनुहार के बाद फिर से चालू हो सकी। राजस्थान में खस्ताहाल सड़कें प्रतिदिन 25 से ज्यादा लोगों की जान ले रही है। अर्थव्यवस्था की बात करे तो राजस्थान राज्य में पैदा होने के साथ ही प्रत्येक शिशु 15 हजार रुपये का कर्जदार बन जाता है। राजस्थान को आर्थिक अंधकार में धकेलकर सरकार कभी प्रशासन गांव की ओर ले जा रही है, तो कभी शहरों की ओर। जिस प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं दिखाई देती हो, जहां प्रशासन का इकबाल ही नहीं बचा हो, वहां इस प्रकार के कार्यक्रमों का क्या लाभ हुआ होगा।
सरकार जनता की ठीक समय पर सुनवाई कर लेती तो प्रशासन को गांव और शहरों की ओर जाना ही नहीं पड़ता। यह इस प्रदेश की जनता का दुर्भाग्य ही रहा कि कांग्रेस के इस कुशासन में वह विकास से कभी रूबरू ही नहीं हुई। हां उसे इस शासन में दिखाई दिया तो कभी जातियों में संघर्ष, तो कभी वर्गाें में तनाव। पर इन दिनों एक नया ’प्रोफेशनल संघर्ष’ भी देखने को मिला। गत दिनों सड़क से सरकार तक वकील और पुलिस का संघर्ष अपने आप में सरकार की विफलता का एक और शर्मनाक उदाहरण है। अगर न्याय के रक्षक वकीलों से हमारी सरकार बात कर लेती, तो हमारी जाबांज और निष्ठावान पुलिस बली का बकरा नहीं बनती। शायद दोनों को लड़ाकर हमारी सरकार तमाशा देखना चाहती थी।
ऐसे हालातों के बाद तो लगता है कि राज्य में न कोई व्यवस्था है और न ही कोई शासन। सरकार कहती है चार साल, बेमिसाल। और जनता कहती है चार साल, बुरा हाल। गुजरात के चुनाव आपको याद होंगे। वहां चुनाव कैसे जीता जाये? इस सवाल के जवाब की खोज में कांग्रेस आखिरी तक उलझी रही। वहां भी पूरा चुनाव झूठ के सहारे लड़ा गया। कांग्रेस ने गुजरात की भाजपा सरकार को किसान विरोधी बताने का चुनाव में षड़यंत्र रचा था। गुजरात की भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने गुजरात चुनाव के विज्ञापनों में राजस्थान के किसान का फोटो लगा दिया। विज्ञापन के जरिये गुजरात की जनता को बरगलाने का यह प्रयास किया गया कि गुजरात में किसान की ऐसी दशा है। मैं गुजरात चुनाव में गई, तो मैंने नरेन्द्र भाई मोदी से कहा कि कांग्रेस के विज्ञापन में गुजरात के किसान का नहीं, यह राजस्थान के किसान का फोटो है। मित्रों, आप इसी से अंदाजा लगा लीजिये कि राजस्थान में किसानों की क्या स्थिति है। और यह भी सोच लीजिये कि चुनाव जीतने के लिये कांग्रेस किस तरह से झूठे हथकण्डों का सहारा लेती है।
कांग्रेस ने मेरी सरकार पर 22 हजार करोड़ के आरोप लगाये। इतना तो एनुअल प्लान भी नहीं होता। यह आरोप झूठे थे, इसलिये इन्हें जनता ने भी अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस को इस अपराध के लिये राजस्थान के किसानों माफी मांगनी चाहिए। अपनी बदनामी को धोने के लिए कांग्रेस कई बार प्रचार प्रसार का सहारा लेती है। मौका था राजस्थान दिवस का। गोपालगढ़ और सूरवाल की घटनाओं से दागदार हुई इस सरकार ने अपनी छवि को उज्ज्वल बताने के लिये एक विज्ञापन छपवाया। इस विज्ञापन में खुशहाल मुस्लिम बालिकाओं की फोटो छापकर ये सरकार बताना चाहती थी कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समाज की बहुबूदी के लिये बहुत काम किये हैं। सरकार के मैनेजर पूरा राजस्थान घूम लिये, लेकिन उन्हें मुस्लिम बालिकाओं की उन्नति के चित्र कहीं नहीं मिले। लेकिन सरकार हताश नहीं हुई। सरकार ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के शिबली कॉलेज की लड़कियों की तस्वीरें 30 मार्च, 2012 के इस विज्ञापन में छाप कर ये दिखाने की कोशिश की कि राजस्थान में मुस्लिम समाज प्रगति कर रहा है। ये झूठ जब अखबारों ने पकड़ा तब सरकार की पोल खुली। ये दो उदाहरण सरकार को झूठा साबित करने के लिये पर्याप्त है। राष्ट्र की बात करें तो आज हमारी आंतरिक सुरक्षा भी खतरे में है। भारत की सीमा पर पाकिस्तान की फौज हमारे नौजवानों के सिर काटकर ले गई। देश बारूद के ढेर पर बैठा है। दुश्मन देश हम पर आंखें तरेर रहा है और हमारी केन्द्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। क्योंकि उसे देश की सुरक्षा से ज्यादा वोटो की परवाह है। जबकि हिंदुस्तान दुनिया के किसी भी देश से कमजोर नहीं है। यहां का एक-एक बच्चा जांबाज है।
ऐसे हालात देखकर हमारी और हमारे कार्यकर्ताओं की भी बांहे फड़कती है। देश पर अगर मर मिटने की भी स्थिति उत्पन्न होती है तो, हमारा भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता देश की खातिर हंसते-हंसते गोली खाने को भी तैयार है। अब तो राजस्थान भी महफूज नहीं है। यहां भी नक्सलवाद की आहट सुनाई दे रही है। भारत की आर्थिक स्थिति बुरी तरह से लड़खड़ा गई है। आये दिन पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे है। गैस सिलेण्डर महंगा कर दिया है। आज देश के 92 प्रतिशत लोग मानते हैं कि भारत की अर्थ व्यवस्था की दुर्दशा के लिए मनमोहन सरकार जिम्मेदार है। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय सर्वे की रिपोर्ट है। महंगाई कम नहीं हो रही और हमारे प्रधानमंत्री कहते है कि पैसा पेड़ पर नहीं लगता। कांग्रेस भी समझ ले कि वोट भी पेड़ों पर नहीं लगते। वोट तो जनता के हाथों से ही डाले जायेंगे।
आयेदिन भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने वाली कांग्रेस और उसके नेता भूल गये हैं कि अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भ्रष्ट सरकार का मुखिया बताया है। आज भारत की गिनती दुनिया के भ्रष्टत्तम देशों में होने लगी है। वर्ल्ड बैंक के ब्वनदजतल च्मतचवितउंदबम ंदक प्देजपजनजपवदंस ।ेेमेेउमदज में भी भारत को भ्रष्ट देश के रूप में दिखाया गया है। खुद सोनिया गांधी ने जयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में माना कि कांग्रेस की छवि भ्रष्ट पार्टी की बनती जा रही है। फिर ये किस मुंह से बात कर रहे हैं। समझ से परे है। सच तो यह है कि देश हो चाहे प्रदेश। कांग्रेस की सरकारें जहां-जहां भी है, वे वहां भ्रष्टाचार और मंहगाई की सुनामी लेकर आई है। आज राजस्थान में इस सरकार पर मीडिया भ्रष्टाचार के नित नये आरोप लगा रहा है। देश के आंकड़ों की बात करें तो आज राजस्थान भ्रष्टाचार में पहले स्थान पर है। रिश्तेदारों को खानों की बंदरबांट हो, या कूकस में पांच सितारा होटल। परिजन कानूनी सलाहकार हो, या कम्पनियों में पार्टनर। जिस तरह से इन कम्पनियों को मालामाल करने के लिए ऑबलाइज किया जा रहा है। सब जानते हैं। मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि जांच में आरोप सिद्ध हुए तो मैं इस्तीफा देने में एक पल भी नहीं लगाऊंगा। फिर क्यों नहीं करवाते जांच? जांच तो मेरे खिलाफ बिठाई थी। क्या एक भी आरोप सिद्ध कर पाये मेरे खिलाफ? उद्योग धंधों की बात करें तो जो निवेशक पांच साल पहले दौड़-दौड़कर राजस्थान आ रहे थे, आज वे ही विज्ञापन देकर दूसरे प्रदेशों की ओर रुख कर रहे हैं।
जब हमारी सरकार थी देश और दुनिया में बसे प्रवासियों को अपनी माटी से जोड़ने के लिए हमने रिसर्जेंट राजस्थान कार्यक्रम आयोजित किया था। उसके नतीजे उत्साहजनक निकले थे। आज राजस्थान की धरती पर हीरो होण्डा, सेंटगोबेन इन्फोसिस मणिपाल युनिवर्सिटी, महिन्द्रा, नारायणा हृदयालय जैसे और भी कई निवेश हमारे उस समय के ही है। जनवरी 2012 में इस सरकार ने भी प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में 8 जनवरी को प्रवासी भारतीयों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि भ्रष्टाचार मिटे तो हम यहां आये। सिंगापुर के एक प्रमुख व्यवसायी प्रवासी राजस्थानी ने भी स्पष्ट कहा राजस्थान में निवेश तो करें, पर यहां हर जगह लूट मची है। हमारी भाजपा सरकार कैसी थी, और कांग्रेस की यह सरकार कैसी है? यह इन दोनों उदाहरणों से बयां हो जाता है। आज आम आदमी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता। थानों के सामने इंसानों के सर काटकर फेंके जा रहे हैं। आठ माह की बच्चियों से दुष्कर्म हो रहे हैं। हर रोज महिला उत्पीड़न, हर रोज हत्याएं, हर रोज लूट, हर रोज ब्ींपद ैदंजबीपदह राजस्थान की फितरत बन गई है। अभी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि राजस्थान महिलाओं की सुरक्षा के मामलों में देश में 26वें स्थान पर है। इसलिये अब वक्त आ गया है, जनता को राहत दिलाने का। क्योंकि अब तो सिर्फ समर ही शेष है। और इसके लिए आप सब कार्यकर्ता तैयार भी है।
क्योंकि आप सब कार्यकर्ता पार्टी की पंचनिष्ठाओं के प्रतीक हो। इस सुराज संकल्प की वास्तविक शक्ति हो। आपको ही एकजुट भाजपा का संदेश गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक पहुंचाना है। प्रदेश को एक बार वापस समृद्धशाली, विकसित और आधुनिक राजस्थान बनाना है। भाइयों और बहनों आपकी शक्ति असीमित है। आपका संकल्प ही प्रदेश में नया परिवर्तन लायेगा और राजस्थान भी अन्य भाजपा शासित प्रदेशों की तरह देश और दुनिया में कीर्तिमान स्थापित करेगा। पर इसके लिए हमें चाहिए ैचपतपजए ैापसस और ैचममक । अब मुझे पूरा यकीन है, कि ये जंग हम जीत लेंगे। मैं इस कार्यसमिति के माध्यम से केन्द्रीय नेतृत्व को भी विश्वास दिलाती हूं कि जो अपेक्षाएं उन्होंने दिल्ली में आयोजित विगत राष्ट्रीय परिषद बैठक में हमसे रखी थी, उन्हें हम सब मिलकर पूरा करेंगे। क्योंकि आज हर तरफ से बस एक ही आवाज उठ रही है कि हमें चाहिएः- हम सबके आत्म विश्वास का राजस्थान। हम सबके गौरव का राजस्थान। हम सब महिलाओं के सम्मान का राजस्थान। हम सब खिलखिलाते नौजवानों का राजस्थान। हमारे लहलहाते खेतों का राजस्थान। हमारे बडे़-बडे़ उद्योगों का राजस्थान। हमारी चमचमाती सड़कों का राजस्थान। तरक्की की राह में तेज दौड़ता राजस्थान। लेकिन इसके लिए आपके साथ की जरूरत है। इसके लिए प्रदेश की जनता के आशीर्वाद की जरूरत है। फिर राजस्थान की विजय निश्चित है। ऐसी विजय जो 2003 की ऐतिहासिक जीत से भी बड़ी होगी।
यहां मैं आपको यह भी स्पष्ट करना चाहूंगी कि हम टिकट वितरण प्रक्रिया में मतदान केन्द्र के नीचे तक की जानकारी लेंगे। वहां के कार्यकर्ताओं की राय लेंगे, सर्वे करवायेंगे। इसके बाद जिस व्यक्ति के साथ जनाधार होगा, लोकप्रियता होगी, उस व्यक्ति को जन-आंकाक्षाओं के आधार पर, निष्पक्षता, प्रमाणिता, पारदर्शिता के मापदण्डों को ध्यान में रखकर ही उम्मीदवार बनायेंगे। किसी के कहने से, किसी प्रकार के दबाव से, किसी प्रकार के लोभ से उम्मीदवार का चयन नहीं होगा। यदि कोई ये सोचता हो कि वह मेरे या किसी नेता के नजदीक है, उसके आधार पर उम्मीदवारी मिल जायेगी, ये मेरे नेतृत्व में बिलकुल संभव नहीं होगा। इसलिये जो कोई भी उम्मीदवार बनना चाहता है, वह ऊपर की तरफ न देखे। नीचे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की तरफ देखे। हमारी जानकारी में जो जनता और कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतेगा, उसी के सिर पर उम्मीदवारी का सेहरा बंधेगा। मैं सभी से अपेक्षा करती हूं कि एकजुटता के साथ संगठन के दिशा निर्देशों का पालन करें। पार्टी को मजबूत बनाये और भाजपा की सरकार बनाने का जो जनता का सपना है, उसे साकार करे। पूरे प्रदेश में होली की तैयारियां हो रही है। उल्लास के इस पर्व का हम सब इंतजार कर रहे हैं। इस अवसर पर मैं आप सबको इन चार पंक्तियों के साथ होली की शुभकामनाएं देते हुए अपने शब्दों को विराम देती हूं -
दिलों के बीच ना बाकी बचे, दीवार होली में,
उठे सबके दिलों से एक ही, झंकार होली में,
खुशी के गीत गाएं और, बांटे प्यार होली में
बहादो प्रेम की गंगा, इस बार होली में।।
!! जय-जय राजस्थान !!

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