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मई, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नक्सलवाद : सिर्फ आतंकवाद

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यह लेख भास्कर समाचार पत्र का है , कुछ बातें समझनें में दिक्कत हो सकती हे 31 May-2013 अकसर कहा जाता है, कि जनजातियों और नक्सलियों में फर्क करना मुश्किल होता है। ये चुनौती तो रहेगी ही। कश्मीर में भी तो पता किया ही जाता है कि कौन पाकिस्तानी है और कौन हिंदुस्तानी? अकसर कहा जाता है, कि जनजातियों और नक्सलियों में फर्क करना मुश्किल होता है। ये चुनौती तो रहेगी ही। कश्मीर में भी तो पता किया ही जाता है कि कौन पाकिस्तानी है और कौन हिंदुस्तानी? प्रधानमंत्री से लेकर सेना के अधिकारी तक कह चुके हैं कि नक्सली हमारे ही लोग हैं। उन पर गोलियां कैसे चला सकते हैं? ये कैसा तर्क है। कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में सेना तैनात है। गड़बड़ी होने पर गोली भी चलाते हैं। हमारे ही लोगों पर। कहते हैं नक्सली आदिवासी और ग्रामीणों को डराकर आतंक फैलाते हैं। इसलिए ग्रामीण सुरक्षाबलों का साथ नहीं देते। झूठ है। सुरक्षाबलों को नक्सलियों के पूरे सफाए का आदेश नहीं हैं, तो ग्रामीण भरोसा क्यों करेंगे। ...कि वे छुपकर युद्ध करते हैं कुछ रणनीतिकार तर्क देते हैं कि माओवादी छापामार युद्ध करते हैं। इसका फायदा उन्हें

मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी तक नहीं देना चाहती कांग्रेस

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कांग्रेस की खुल गई पोल , सामने आया असली चेहरा मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी तक नहीं देना चाहती कांग्रेस ----------- अरूणा राय ने छोड़ी सोनिया की एनएसी 30 May 2013 नई दिल्ली। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति (एनएसी) से अब इसकी सबसे सक्रिय और पुरानी सदस्य अरूणा राय ने भी किनारा कर लिया है। इतना ही नहीं उन्होंने एनएसी की सिफारिशों को नहीं मानने को लेकर संप्रग सरकार को जम कर लताड़ा भी है। सोनिया ने पत्र लिख कर उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। एक तरफ जहां सरकार और कांग्रेस पार्टी आम चुनाव से पहले अपनी छवि चमकाने की जी-तोड़ कोशिश में जुटी है, ठीक उसी समय इसकी छवि को एक और झटका लगा है। अरूणा राय ने इसी महीने की 11 तारीख को सोनिया गांधी को लंबी चि_ी लिख कर साफ कर दिया कि अब वे एनएसी से और नहीं जुड़ी रह सकतीं। उन्होंने खास तौर पर मनरेगा में काम करने वालों को न्यूनतम मजदूरी नहीं देने के लिए सरकार को आड़े हाथों लिया है। अरूणा ने तो यहां तक कहा है कि उन्हें समझ नहीं आता कि कैसे भारत जैसा देश अपने लोगों को न्यूनतम मजदूरी तक देने से इंकार कर सकता है और इसके बाद भी सभी के वि

केंद्र और कांग्रेस बताये , नक्सलवाद कब तक ?

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समाचार पत्रों में भले ही नक्सलवाद के खिलाफ छाप रहा हो, मगर केंद्र और कांग्रेस के बड़ी ताकतें  चुप हें  ? जैसे सारे के सारे डर  के बिल में घुस गए हों  ?? जो भी बोले वह भी सामना करने वाले होंसले से नहीं बोले !! रक्षा मंत्री ने तो कह दिया की सेना नहीं भेजेंगे !! क्यों भला ??? क्या वे बैगैर सेना के पकडे जायेंगे ??? सच यही हे की केंद्र की कांग्रेस सरकार ने ही  हमेशा दोहरी नीति अपनाई और  देश को खतरे में डाल रखा हे !! आप हिम्मत तो दिखाओ , सेना को लगा दो ! परिणाम सामने आजायेगा ।  मगर आप नहीं करेंगे क्यों की अपने ही नक्सलवाद पाल रखा हे !! चुनौती / नक्सलियों ने जारी किया बयान, ग्रीनहंट ऑपरेशन बंद करने की मांग  अब मुख्यमंत्री को दी धमकी  कंवर, रामविचार, केदार, विक्रम, राज्यपाल, डीजीपी रामनिवास, एडीजी मुकेश गुप्ता व आरआर पाटिल भी निशाने पर भास्कर न्यूज / रायपुर बस्तर के दरभा घाटी में कांग्रेस नेताओं की हत्या के बाद अब नक्सलियों ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ ही अन्य नेताओं-अफसरों को धमकाया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस आशय की एक विज्ञप्ति जा

दस सालों के अंदर नक्सलियों की ताकत 10 गुना बढ़ चुकी है

रायपुर. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर नियंत्रण, उनके पैर उखड़ने जैसे सरकारी दावों के विपरीत सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले दस सालों के अंदर नक्सलियों की ताकत 10 गुना बढ़ चुकी है। केंद्रीय और स्थानीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच प्रशिक्षित हथियारबंद नक्सलियों की संख्या एक हजार से बढ़कर 10 हजार हो चुकी है। सबसे घातक मिलिटरी इकाई पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की कंपनियां तीन से दस हो चुकी हैं। वे लगातार इलाके का विस्तार और सदस्यों की संख्या बढ़ा रहे हैं। एक माह पहले ही उन्होंने कांकेर और राजनांदगांव के इलाके को मिलाकर नया डिवीजन बनाया है। हाल में हुई कुछ मुठभेड़ों के आधार पर राज्य के गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने दावा किया था कि नक्सली कमजोर पड़े हैं। उनके पैर उखड़ने लगे हैं। भास्कर ने जब इस बारे में पड़ताल की, तो सच्चाई इसके विपरीत नजर आई। खुफिया एजेंसियों ने पिछले 10-11 सालों में नक्सलियों की ताकत पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कहा गया है कि उनका पूरा जोर बड़े हमलों की जगह छोटे हमले, अपनी ताकत बढ़ाने और इलाका विस्तार पर है। हालांकि साल 2006 या 2008 की त

कांग्रेस को ही बताना है कि उनमें कौन था जिसने नक्सलियों के हमले को सफल बनबाया

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कांग्रेस को ही बताना है कि उनमें कौन था जिसने नक्सलियों के हमले को सफल बनबाया साजिश का शक और गहराया, परिवर्तन यात्रा के तयशुदा कार्यक्रम में भी किया था बदलाव! शिव दुबे  |  May 28, 2013, रायपुर. नंदकुमार पटेल और महेंद्र कर्मा की हत्या की साजिश और गहरा गई है। परिवर्तन यात्रा के तयशुदा कार्यक्रम में किया गया बदलाव कई संदेहों को जन्म दे रहा है।  निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक परिवर्तन यात्रा के तहत कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के विधानसभा क्षेत्र (कोंटा) के सुकमा में 22 मई को सभा रखी गई थी। इस दिन सिर्फ यही एक कार्यक्रम तय था, लेकिन बाद में इस मूल कार्यक्रम में दो बड़े बदलाव किए गए। पहला- सुकमा की 22 मई को होने वाली सभा 25 मई को कर दी गई और दूसरा- सुकमा के साथ ही एक और सभा दरभा में भी रख दी गई और उसी दिन कांग्रेस नेताओं के सुकमा से दरभा जाने के दौरान ही नक्सलियांे ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया। यह किसी का आरोप नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रेस विज्ञप्ति से ही साफ हो रहा है। 2 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस की आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया था कि परिवर्तन यात्रा के तहत 22 म

नक्सली हिंसा को राष्ट्रीय संकट माना जाए

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नक्सली हिंसा को राष्ट्रीय संकट माना जाए - रमेश नैय्यर लेख - दैनिक भास्कर २ ८ मई २ ० १ ३   वाम चरमपंथ भारतीय राजनीति, रणनीति, आर्थिकी और सामाजिक विमर्श का एक बड़ा विषय बना हुआ है। उसे चर्चा के केन्द्र में रखे रहने में अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजे गए कुछ लेखकों-पत्रकारों की सक्रियता विस्मित करती है। उनके हितैषी महिमामंडित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और योजना आयोग में भी स्थापित हैं। अनेक राजनीतिज्ञ भी वक्त पडऩे पर उनके पक्ष में मुखर होते पाए जाते हैं। वे योजनाबद्ध ढंग से नृशंस हत्याएं करते हैं। 'जन-अदालतें' लगाकर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, सरकारी कर्मचारियों और आम आदिवासियों के सरेआम गले रेत देते हैं। इधर उन्होंने विद्यार्थियों और पत्रकारों को भी पुलिस मुखबिर करार देकर मारना शुरू कर दिया है। साधारण वेतन पर अपने परिजनों से बहुत दूर बीहड़ इलाकों में पदस्थ सुरक्षाकर्मियों की हत्याएं तो वे अपना फर्ज मानते हैं। इस दहकते यथार्थ से वाकिफ तो रसीली भाषा-शैली में अंग्रेजी लेखन करने वाले कई साहित्यकार भी हैं, परंतु इस सच को वे बयान नहीं करते। बल्कि इन माओवादियों को 'बंदूकधारी

महेन्द्र कर्मा : नक्सलवाद आतंकवाद का दूसरा चेहरा है

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Anil Pusadkar महेन्द्र कर्मा ने कहा था"बस बहुत हो चुका,आदिवासी कह रहे है हमे हमारे हाल पे छोड दो" 21 अगस्त 2008 को प्रेस क्लब रायपुर में सलवा जुडूम पर व्याख्याने में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अब स्व महेन्द्र कर्मा के भाषण का अंश,जस का तस. नक्सलियों की हिट लिस्ट में टॉप पर हैं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा। वे जब नक्सल समस्या पर बोलने लगे तो एक नेता के साथ-साथ एक आदिवासी का दर्द भी उनकी जुबान से निकल रहा था। उन्होंने कहा कि बस्तर का आदिवासी कह रहा है कि बहुत हो चुका है हमें हमारे हाल पर छोड़ दो। महेन्द्र कर्मा छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष है। जवानी में महेन्द्र कर्मा भी कामरेड ही थे लेकिन समय के साथ उनके विचार बदले और अब वे कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और सलवा जुडूम के घोर समर्थक। प्रेस क्लब में माकपा नेता धर्मराज महापात्र के जोशीले भाषण ने श्रोताओं की जितनी तालियाँ बटोरी उतना ही कर्मा को गुस्से से भर दिया। स्वभाव से तेज़तर्रार महेन्द्र कर्मा व्याख्यान शुरू करते ही तैश में आ गए। उनका गुस्सा स्वाभाविक था। उन्होंने कहा कि लोगों ने बस्तर देखा तक नहीं, वे जानते

सृष्टि के प्रथम पत्रकार देवर्षि नारदजी

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सृष्टि के प्रथम पत्रकार देवर्षि नारदजी की जयंती पर सृष्टि के पहले संवाददाता नारदमुनि पुराणों के अनुसार नारद मुनि भारतीय ऋषियों में एकमात्र व्यक्ति थे, जिन्हें देव ऋषि की उपाधि मिली थी। वे एक मात्र ऐसे ऋषि थे, जिनका उल्लेख लगभग सभी हिंदू ग्रंथों में मिलता है। सतयुग, त्रेता और द्वापर युग में भी नारदजी देवी-देवताओं में संवाद का माध्यम बने। हमेशा सतर्क रहने वाले नारद मुनि ब्रह्माजी के मानस पुत्रों सनक, सनंदन, सनत और सनातन से छोटे थे। ब्रह्माजी से मिले वरदान के अनुसार आकाश, पाताल तथा पृथ्वी तीनों लोकों का भ्रमण कर नारदजी देवताओं, संत-महात्माओं, इंद्रादि शासकों और जनमानस से सीधा संवाद करके उनसे सुख-दुख की जानकारी लेकर समस्याओं के निराकरण में भागीदारी निभाते थे। इसी कारण वे देव और दानव दोनों में लोकप्रिय थे। इसी के साथ उनमें एक-दूसरे में संघर्ष व युद्ध तक कराने की महारत थी। कई बार उन्हें इस आदत के कारण अपमान भी सहना पड़ा। फिर भी अपने उद्देश्य व समाज हित के लिए समर्पित नारदजी का जीवन मान-अपमान की परवाह किए बगैर बीता। उन्हें सृष्टि के प्रथम संवाहक या संवाददाता भी कहा जाता है। देव ऋषि न

पत्रकारिता के आदि पुरूष देवर्षि नारद - मृत्‍युंजय दीक्षित

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पत्रकारिता के आदि पुरूष देवर्षि नारद मृत्‍युंजय दीक्षित सृष्टिकर्ता प्रजापति ब्रह्मा के मानस पुत्र नारद। त्रिकालदर्शी पुरूष नारद देव, दानव और मानव सभी के कार्यों में सहायक देवर्षि नारद। देवर्षि नारद एक ऐसे महान व्यक्तित्व के स्वामी व सांसारिक घटनाओं के ज्ञाता थे कि उनके परिणामों तक से भी वे भली भांति परिचित होते थे। वे शत्रु तथा मित्र दोनों में ही लोकप्रिय थे। आनन्द, भक्ति, विनम्रता, ज्ञान, कौशल के कारण उन्हें देवर्षि की पद्वि प्राप्त थी। ईश्वर भक्ति की स्थापना तथा प्रचार-प्रसार के लिए ही नारद जी का अवतार हुआ। देवर्षि नारद व्यास वाल्मीकि और शुकदेव जी के गुरू रहे। श्रीमद्भागवत एवं रामायण जैसे अत्यंत पवित्र व अदभुत ग्रन्थ हमें नारद जी की कृपा से ही प्राप्त हुए हैं। प्रहलाद, ध्रुव और राजा अम्बरीश जैसे महान व्यक्तित्वों को नारद जी ने ही भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। देव नारद ब्रहमा, शंकर, सनत कुमार, महर्षि कपिल, स्वायम्भुव मनु आदि 12 आचार्यों में अन्यतम हैं। वराह पुराण में देवर्षि नारद को पूर्व जन्म में सारस्वत् नामक एक ब्राह्मण बताया गया है। जिन्होंने ‘ओं नमो नारायणाय’ इस

पीएम की कुर्सी मजाक बनकर रह गई यूपीए-2 के राज में : भाजपा

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पीएम की कुर्सी मजाक बनकर रह गई यूपीए-2 के राज में : भाजपा NDTVIndia, मई 22, 2013 नई दिल्ली:  यूपीए-2 के चार साल पूरे होने के मौके पर बीजेपी के नेताओं सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने जमकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है।  सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार को चार साल पूरे करने का जश्न मनाने का हक नहीं है। कायदे से उसे देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। आत्मचिंतन करना चाहिए। अरुण जेटली ने कहा कि सरकार की उपलब्धि बस इतनी है कि उसने चार साल पूरे कर लिए। यह उपलब्धि इसलिए भी हासिल हुई कि सरकार ने सीबीआई का जमकर दुरुपयोग किया। अगर सरकार सीबीआई का दुरुपयोग न करती तो सपा और बसपा उसको हमेशा न बचाते रहते। इस मौके पर दोनों ने सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। सुषमा ने कहा कि मनमोहन सिंह न नेता बन पाए न प्रधानमंत्री, जबकि अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री का ओहदा मजाक का पात्र बनकर रह गया है। दरअसल, बीजेपी का आरोप लगाती रही है कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री होने के बावजूद सभी निर्णय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लिए जाते हैं। सुषमा और जेटली ने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक संस्

चीन में 180000 अश्लील वेबसाइट्स पर प्रतिबंध

चीन में 180000 अश्लील वेबसाइट्स पर प्रतिबंध बीजिंग चीनी अधिकारियों ने मार्च में इंटरनेट की सफाई के लिए अभियान छेड़ने के बाद से अश्लील सामग्री परोसने के आरोप में 180,000 ऑनलाइन प्रकाशनों पर रोक लगा दी है। अश्लील साहित्य और अवैध प्रकाशन विरोधी राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, 10,000 वेबसाइटों को नियम और कानूनों के उल्लंघन के आरोप में दंडित किया गया है। अभियान ने 56 लाख अवैध प्रकाशनों को उजागर किया। राष्ट्रीय कार्यालय ने ऑनलाइन अश्लील साहित्य, ऑनलाइन गेम विज्ञापनों, मोबाइल एप्लीकेशन और ऑनलाइ मीडिया प्लेयर के खिलाफ मार्च में अभियान की शुरुआत की थी। कार्यालय के अनुसार, यह अभियान मई में समाप्त होने वाला था, लेकिन अब इसे जून तक बढ़ा दिया गया है। कार्यालय ने कहा कि उनका अगला कदम उल्लंघन के मामलों पर ध्यान केंद्रित करना और वेबसाइट के प्रबंधन में सुधार करना है। (एजेंसी)

पीएम बंशी बजाते रहे, घोटाले ही घोटाले होते रहे

जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था। पीएम बजाते रहे बंशी,  घोटाले ही घोटाले होते  रहे Wed, 22 May 2013 नई दिल्ली। बुधवार को यूपीए 2 अपनी कामयाबी की रिपोर्ट पेश कर रही है। एक तरफ सरकार नीरो की बंशी बजा रही है तो दूसरी तरफ विपक्ष बस माथा पीटने और मगरमच्छ के आसूं बहाने में वक्त जाया कर रहा है। इस कार्यकाल में सांप्रदायिकता और विकास का नारा खूब चला। समझ नहीं आ रहा है समाजवादी कांग्रेस में समाजवाद में कितना लेट है। इस बीच इन चार सालों में आम आदमी की पीठ पेट से सटती जा रही है लेकिन घोटालों के आगे जीरो बढ़ता ही जा रहा है। लगता है कि हर घोटाले आपस में होड़ कर के बैठे हों। आम आदमी को सरकार से रोजगार और सुरक्षा को लेकर खास अपेक्षाएं होती हैं। चलिए हम आपको चार सालों के चार बड़े घोटाले बताते हैं। चार साल और चार घोटाले :- 1- कोयला आवंटन घोटाला : 1 लाख 86 हजार करोड़ के इस घोटाले ने पीएमओ ऑफिस से लेकर कोयला मंत्रालय तक पर कालिख पोत दी। कोयला की आग में बेचारा कानून मंत्रालय भी झुलस गया। सीबीआइ की साख पर भी बंट्टा लग गया। 2- जी स्पेक्ट्रम घोटाला: 2जी स्पेक्ट्रम आंवटन के मामले में 1 ल

मोहिनी एकादशी व्रत

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मोहिनी एकादशी व्रत का महत्व | Importance of Mohini Ekadashi Vrat - Neena Sharma 21-05-2013 मोहिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप और दु:ख नष्ट होते है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि में जो व्रत होता है. वह मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य़ मोह जाल से छूट जाता है. अत: इस व्रत को सभी दु:खी मनुष्यों को अवश्य करना चाहिए. मोहिनी एकादशी के व्रत के दिन इस व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए. मोहिनी एकादशी व्रत विधि | Mohini Ekadashi Vrat Vidhi मोहिनी एकादशी व्रत जिस व्यक्ति को करना हों, उस व्यक्ति को व्रत के एक दिन पूर्व ही अर्थात दशमी तिथि के दिन रात्रि का भोजन कांसे के बर्तन में नहीं करना चाहिए. दशमी तिथि में भी व्रत दिन रखे जाने वाले नियमों का पालन करना चाहिए. जैसे इस रात्रि में एक बार भोजन करने के पश्चात दूबारा भोजन नहीं करना चाहिए. रात्रि के भोजन में भी प्याज और मांस आदि नहीं खाने चाहिएं. इसके अतिरिक्त जौ, गेहुं और चने आदि का भोजन भी सात्विक भोजन की श्रेणी में नहीं आता है. एकादशी व्रत की अवधि लम्बी होने के कारण मानसिक रुप से तैय

हिस्ट्रीशीट सोहराबुद्दीन : एक पहलू यह भी

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SC से तुलसी प्रजापति केस में अमित शाह को राहत Apr 08, 2013 आईबीएन-7 http://khabar.ibnlive.in.com नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तुलसी प्रजापति एनकाउंटर मामले में अमित शाह के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि तुलसी राम प्रजापति की हत्या, सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या के मामले से जुड़ी हुई है। इसलिए अलग से एफआईर दर्ज करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद अमित शाह की सीबीआई गिरफ्तारी पर रोक लग गई है। इससे पहले अमित शाह सोहराबुद्दीन मामले में जेल जा चुके हैं। अमित शाह अब कौसर बी, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के साथ साथ तुलसी राम प्रजापति केस में आरोपी बने रहेंगे और केस की सुनवाई मुंबई की अदालत में जारी रहेगी। ------------ सोहराबुद्दीन एनकाउंटर: एक पहलू यह भी 2 मई, 2007 by अतुल शर्मा http://malwa.wordpress.com सोहराबुद्दीन एनकाउंटर को लेकर जो शब्द सभी धर्मनिरपेक्ष और मानव अधिकार वाले उपयोग में ला रहे हैं वह है हिन्दु तालिबानी। हिन्दुत्व के नाम का स्यापा करने वाले यह भी जान लें कि इस एनकाउंटर में सोहराबुद्दीन और कौसर बी के साथ ज

तेरे नाम का सहारा - भजन

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 तेरे नाम का सहारा...भजन अहसान लूँ किसी का, ये मुझको नहीं गंवारा... जीने को जब काफी हैं, तेरे नाम का सहारा... माना की धीरे धीरे, मेरी नाव चल रही है... लेकिन सही दिशा में, मंजिल पे बढ़ रही हैं... भले देर से मिले पर, मिल जायेगा किनारा... जीने को जब काफी हैं, तेरे नाम का सहारा... काबिल नहीं हूँ जिसका, वो इनाम ले लिया हूँ... पूछे बिना ही तुमसे, तेरा नाम ले लिया हूँ... इसके सिवा लिया न, कुछ और तो तुम्हारा... जीने को जब काफी हैं, तेरे नाम का सहारा... तेरा नाम लेके जागुं, तेरा नाम लेके सोऊं , तेरे नाम के सहारे, जीवन अपना बिताऊं, अपना तो चल रहा है, आराम से गुजारा... जीने को जब काफी हैं, तेरे नाम का सहारा... तेरे नाम का करिश्मा, मैंने तो जब से जाना... सब छोड़ कर हुआ मैं, तेरे नाम का दीवाना... मुझको तो सारे जहां से, तेरा नाम लगता प्यारा... जीने को जब काफी हैं, तेरे नाम का सहारा... अहसान लूँ किसी का, ये मुझको नहीं गंवारा... जीने को जब काफी हैं, तेरे नाम का सहारा... मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा हैं... मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा हैं... करते हो

करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है - भजन

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हे! मेरे कन्हैया... मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा हैं... मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा हैं... करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है... मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा हैं... मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा हैं... पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही हैं... हैरान है ज़माना, मंजिल भी मिल गयी हैं... करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है... करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है... मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा हैं... तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज़ की कमी है... किसी और चीज़ की अब, दरकार भी नहीं हैं... तेरे साथ से गुलाम अब, गुलफाम हो रहा है... करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है... मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा हैं... मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाऊं... इस टूटी हुए वाणी से, गुणगान कैसे गाऊं... तेरी प्रेरणा से ही सब, यह कमाल हो रहा हैं... करते हो तुमकन्हैया, मेरा नाम हो रहा है... मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा हैं... करता नहीं मैं फिर भी, हर काम हो रहा हैं... कन्हैया तेरी बदौलत, आराम हो रहा हैं... बस होता रहे हमेशा, जो कुछ भी हो

Sonia wanted to ban Bajrang Dal

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WikiLeaks:  Sonia wanted to ban Bajrang Dal ; MK Narayan opposed it 09/05/2013 12:59:25  http://www.niticentral.com/2013/05/08/wikileaks-sonia-wanted-to-ban-bajrang-dal-75290.html  WikiLeaks in its revelations said Congress leader KV Thomas told US embassy that Sonia Gandhi wants to ban Bajrang Dal but MK Narayan opposed it saying that religious activities of Pentecostal churches are also a problem.  

प्रधानमंत्री सिंह इस्तीफा दो : भाजयुमो

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प्रधानमंत्री आवास पर बीजेपी युवा मोर्चा का हल्ला-बोल रीमा पाराशर | नई दिल्ली, 12 मई 2013 प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे और यूपीए सरकार के खिलाफ घोटालों तथा भ्रष्टाचार के आरोपों की समुचित जांच की मांग को लेकर उनके आवास की ओर जा रहे बीजेपी की युवा शाखा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को जब पुलिस ने रोका तो दोनों पक्षों के बीच संघर्ष हो गया. बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अपने अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की अगुवाई में हाथों में तख्तियां ले कर नारे लगाते हुए औरंगजेब रोड से रेसकोर्स रोड की ओर रवाना हुए. बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष विजय गोयल भी अपने समर्थकों के साथ जुलूस में शामिल हो गए. प्रदर्शनकारियों को तुगलक रोड पुलिस थाना के समीप आगे बढ़ने से रोका गया. इससे पहले बीजेपी युवा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री का पुतला जलाया और फिर वे रेसकोर्स रोड की ओर बढ़े जहां आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की जा चुकी थी. रोके जाने पर कार्यकर्ताओं का पुलिस के साथ संघर्ष हुआ और आगे बढ़ने के लिए उन्होंने एक अवरोधक को तोड़ डाला. लेकिन पुलिस ने उन पर पानी की धार छोड़ी और उन्हे

गंभीर संकट में फंस गया है देश- राजनाथ सिंह

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गंभीर संकट में फंस गया है देश- राजनाथ सिंह नई दिल्ली, शनिवार, 11 मई 2013 नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने देश को गंभीर संकट में फंसा दिया है। यूपीए सरकार हर मोर्चो पर फेल हो गई है। राजनाथ ने कहा कि देश की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। चीन की घुसपैठ मामले में सरकार स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रही है। सरकार बताएं चीन सीमा पर क्या स्थिति है। देश के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल और संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने महंगाई के संदर्भ में कहा कि महंगाई की हालात बद से बदतर हो गई है। महंगाई बढ़ रही है, लेकिन आमदानी नहीं बढ़ी है। यूपीए के राज में लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। सरकार ने गंभीर स्थिति बना दी है। देश में मंदी का खतरा पैदा कर दिया गया है। भ्रष्टाचार सहित हर मोर्चे पर संप्रग सरकार के विफल रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यदि स्वयं ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण करें तो उनके पास इस्तीफे के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। सिंह ने यहां कहा कि आजादी के बाद से शायद यह पहली स

Rajnath Singh : Failure of UPA Govt

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Press : Shri Rajnath Singh on failure of UPA Govt. and call for Jail Bharo Aandolan Extreme Corruption & Cover up efforts The UPA Government has become infamous for big scams. With scams worth more than Rs 550 trillion, it is the most corrupt government in the history of Independent India.The unbridled corruption of the incumbent government poses a systemic risk to governance in our country.Unfortunately the UPA has developed penchant for shielding people charged with corruption till the very end and takesonly limited actionwhen there is no other option left. Last nighttwo Union ministers, facing charges of corruption and impropriety, resigned from their post. Had the Prime Minister sacked these tainted ministers without any delay the government could have easily saved the Budget Session. Many important legislations like ‘Food Security Bill and ‘LandAcquisitionBill’ were lined up for discussion and passage in Parliament but the adamant UPA opted to waste the opportunity.