'तहलका' के तेजपाल पर ; मचा 'तहलका'



तेजपाल पर मचा 'तहलका', पुलिस का शिकंजा तेज
आईएएनएस , Nov 22, 2013

पणजी। यौन शोषण के आरोपों में घिरे तहलका के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस मामले की जांच कर रही गोवा पुलिस का शिकंजा तरुण तेजपाल पर लगातार कसता जा रहा है। पुलिस ने गोवा के उस फाइव स्टार होटल की सीसीटीवी फुटेज जब्त कर ली है जहां महिला पत्रकार के साथ यौन शोषण का मामला हुआ। अब पुलिस इस सीसीटीवी फुटेज की मदद से आगे की जांच करेगी।
बताया जा रहा है कि पुलिस जल्द ही तरुण तेजपाल को पूछताछ के लिए बुला कर सकती है। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। गोवा पुलिस ने केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। क्राइम ब्रांच ने लड़की की शिकायत पर और जरूरी दस्तावेज मंगवाए हैं। महिला पत्रकार के मुताबिक इसी महीने गोवा में थिंक फेस्ट के दौरान तरुण तेजपाल ने उसका यौन शोषण किया था।
बता दें कि ये फेस्ट तहलका पत्रिका ने ही आयोजित किया था। आरोप के मुताबिक यौन शोषण की ये घटना गोवा में तहलका के थिंक फेस्ट के दौरान लगातार दो दिन हुई थी। इन आरोपों के बाद तेजपाल ने माफी मांगी और छह महीने तक संपादक पद से दूर रहने का फैसला लिया है।
उधर, इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा है कि कानून के मुताबिक पुलिस को अपनी कार्रवाई करनी चाहिए। इसमें इस बात को कतई नहीं देखा जाए कि जिस शख्स पर आरोप लगा है, वो कौन है।
तेजपाल पर मचा तहलका
तरुण तेजपाल के खिलाफ लगे सनसनीखेज आरोप सामने आने के बाद से राजनीति और पत्रकारिता जगत में बवंडर खड़ा हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों और पत्रकारों ने तेजपाल की तीखी आलोचना की है और उन्हें आसानी नहीं छोड़े जाने की अपील की है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा है, पूरी तरह से अपराध माने जाने वाले कृत्य के लिए अपने आप जताया गया प्रायश्चित उपचार नहीं हो सकता।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पीड़िता को उत्तरी गोवा के एक होटल में घटी घटना के बारे में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। उसी होटल में तहलका ने इस महीने के शुरू में समारोह का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे पास शिकायत नहीं आएगी तब तक हम दोष कैसे साबित करेंगे। पर्रिकर ने घटना की शुरुआती जांच कराने के संकेत दिए और कहा कि राज्य में आपराधिक घटना घटी। हमें जांच करने की जरूरत है और इसके लिए शिकायत की जरूरत नहीं होती।
तहलका की प्रबंधक संपादक शोमा चौधरी ने बुधवार को पत्रिका के सभी कर्मचारियों को तेजपाल का खत ई-मेल किया था। तेजपाल ने इससे पहले शोमा चौधरी को ई-मेल में लिखा था कि समझदारी की चूक और हालातों की गलत समझ कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हुई, जो हमारे विश्वास और संघर्ष के खिलाफ है। मैं पहले ही अपने दुर्व्यवहार के लिए बिना शर्त क्षमा मांग चुका हूं, लेकिन मुझे लगता है कि अभी प्रायश्चित बाकी है। इसलिए मैं तहलका के मुख्य संपादक के पद से और कार्यालय से अगले छह महीने के लिए हटने की पेशकश कर रहा हूं।
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग कहा कि समाचार पत्रिका तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल द्वारा एक महिला पत्रकार के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला अगर उनके सामने उठाया जाता है, तो वह मामले की जांच करेगा। ममता शर्मा ने तेजपाल द्वारा तहलका के मुख्य संपादक के पद से छह महीने के लिए त्यागपत्र देने की घोषणा पर कहा कि तरुण तेजपाल भगवान नहीं हैं, जो खुद अपनी करनी की सजा तय करेंगे।
साल 2001 में तहलका के स्टिंग आपरेशन से शर्मिदगी का सामना कर चुकी भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि छेड़खानी करना नई परिभाषा के तहत कानून के तहत दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आज की संशोधित परिभाषा के अनुसार तरुण तेजपाल का काम दुष्कर्म की श्रेणी में आता है।
उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दोनों से ही इस मामले की जांच करने की मांग की। लेखी ने मांग की कि तेजपाल के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया जाए और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
वहीं पूर्व पुलिस अधिकारी और प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने कहा कि कानून की दृष्टि से इस मामले में दो तरह के कदम उठाए जा सकते हैं, पहला तो यह कि तहलका की यौन उत्पीड़न समिति के सामने यह मामला रखा जाए, अगर तहलका में ऐसी कोई समिति है तो मामले की विस्तृत जांच हो। दूसरा यह कि पुलिस अपने विवेक के आधार पर संज्ञान ले और मामले की पूरी छानबीन करे, उस स्थिति में भी अगर पीड़िता प्राथमिकी दर्ज करने को तैयार न हो।
वरिष्ठ पत्रकार और द हिंदू के पूर्व संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस मामले को एक निजी मामले की तरह लिया जाना चाहिए। आरोपी सिर्फ कार्यालय से अपना पद छोड़कर इतनी आसानी से छूट नहीं सकता।
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तहलका ने बदला रुख, शोमा चौधरी ने कहा, पुलिस के पास जाने को स्वतंत्र है पीड़िता
NDTVIndia, Last Updated: नवम्बर 22, 2013

नई दिल्ली: तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में समाचार पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने रुख बदलते हुए कहा है कि इस मामले में हमारी ओर से पीड़ित लड़की पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है और पुलिस में जाने या न जाने का फैसला करने के लिए वह स्वतंत्र है।
शोमा चौधरी ने अपने पिछले बयानों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में यह भी कहा कि "हमारी ओर से भी थोड़ी गलती हुई और हमें लग रहा था कि पीड़ित लड़की तरुण तेजपाल द्वारा माफी मांगे जाने से संतुष्ट है। उस समय तक हमें सिर्फ कहानी का तरुण वाला पहलू ही मालूम था।"

शोमा चौधरी ने इसके अलावा यह जानकारी भी दी कि तहलका ने मामले की जांच के लिए आंतरिक समिति का गठन कर दिया है। शोमा ने कहा कि प्रकाशक उर्वशी बुटालिया की अध्यक्षता में शिकायत समिति मामले की जांच करेगी। शोमा ने एक बयान में कहा, तरुण तेजपाल को 20 नवंबर को तहलका के संपादक पद से हटाने की स्वीकृति के बाद तहलका ने अब एक औपचारिक शिकायत समिति बनाई है, जो इस मामले में दिशानिर्देशों के अनुरूप मामले की जांच करेगी।

समिति की प्रमख जानी-मानी महिला अधिकार कार्यकर्ता और प्रकाशक उर्वशी बुटालिया होंगी। शोमा ने कहा, इसके अलावा तहलका महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की धारा 4 के अनुसार एक औपचारिक शिकायत समिति बनाएगी, जो तहलका में अभी तक नहीं है।

समिति के सामने अब पीड़िता तथा तरुण तेजपाल दोनों का पक्ष रखा जाएगा और हासिल सबूतों के आधार पर समिति अपने निष्कर्ष निकालेगी। शोमा ने यह भी कहा कि मैं इस मामले में कोई निर्णय देने के लिए नहीं आई हूं और आप लोगों से (मीडिया)
 भी यही आग्रह है कि अटकलबाजी न करके समिति को अपना काम करने दें।

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