यूटर्न : केजरीवाल बॉन्ड भरने को तैयार



 केजरीवाल की जेल यात्रा प्रकरण ने साबित कर दिया की 
उनकी समझ दिमागी दिवालियेपन  की स्थिति में है । एक 
तरफ अपने आप को आम आदमी की पार्टी कहते हैं ,
बनाते संविधान के ऊपर हैं । 

हाई कोर्ट से भी केजरीवाल को झटका 
अरविंद केजरीवाल बॉन्ड भरने को तैयार
एजेंसियां | May 27, 2014 नई दिल्ली
http://navbharattimes.indiatimes.com

दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। केजरीवाल की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा कि उन्हें पर्सनल बॉन्ड भरना ही होगा। इसके बाद अरविंद केजरीवाल इस फैसले को मानते हुए पर्सनल बॉन्ड भरने के लिए तैयार हो गए हैं। उनके वकील प्रशांत भूषण ने हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि अरविंद केजरीवाल बॉन्ड भरने के लिए तैयार हैं।

प्रशांत भूषण ने साथ ही यह भी बताया कि बॉन्ड भरना एक फिजूल की प्रक्रिया है, जिसकी वजह से लाखों लोग जेलों में बंद रहते हैं और अदालतों का भी वक्त बर्बाद होता है, इसलिए हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए हामी भर दी है। उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल की यह याचिका इस देश के लिए बहुत अहम साबित हो सकती है। बॉन्ड भरने के इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की गई है।'

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केजरीवाल से पूछा कि आखिर वह इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न क्यों बना रहे हैं। गौरतलब है कि केजरीवाल ने बीजेपी नेता नितिन गडकरी की ओर से दायर मानहानि के एक मामले में पर्सनल बॉन्ड भरने करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद निचली अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं।

इसके साथ ही गोपाल राय और मनीष सिसोदिया को भी निचली अदालत ने एक नोटिस कर दिया है। मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल को जेल भेजे जाने के अदालत के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा था, 'अच्छे दिन आ गए हैं।' अदालत ने उनसे पूछा है कि ऐसी टिप्पणी किस आधार पर की।
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केजरीवाल ज़मानत का मुचलका भरने को तैयार
 मंगलवार, 27 मई, 2014
http://www.bbc.co.uk/hindi/india

भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जुड़े मानहानि के मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल ज़मानत के लिए निजी मुचलका भरने को तैयार हैं. इस तरह उनकी रिहाई का रास्ता साफ़ हो गया है.

मंगलवार को ये मामला जब दिल्ली हाई कोर्ट के सामने आया तो न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर और सुनीता गुप्ता की खंडपीठ ने केजरीवाल के वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण से कहा कि मुचलका भरने को केजरीवाल 'प्रतिष्ठा का सवाल' न बनाएं.
आम आदमी पार्टी के नेता को छह जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. उनके ख़िलाफ़ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मानहानि का मामला दायर किया था.

केजरीवाल ने दस हज़ार रुपए का ज़मानती मुचलका भरने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

सोमवार को केजरीवाल की तरफ से हाई कोर्ट में एक 'हैबियस कार्पस' याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्हें ग़ैर क़ानूनी ढंग जेल में रखा गया है. याचिका में दिल्ली की निचली अदालत के फैसले को भी चुनौती दी गई थी.

'प्रतिष्ठा का सवाल क्यों'
मंगलवार को ये मामला जब उच्च न्यायलय की दो सदस्यों वाली खंडपीठ के सामने पहुंचा तो जजों ने केजरीवाल से कहा कि इस मामले को वह 'प्रतिष्ठा का सवाल' क्यों बना रहे हैं? जजों ने वकीलों से कहा की वे तिहाड़ जेल जाकर केजरीवाल से बात करें और पहले ज़मानत की अर्ज़ी दायर करें.

इसके बाद शांति भूषण और प्रशांत भूषण केजरीवाल से मिलने तिहाड़ पहुंचे और उनसे मुचलका भरने की सहमति ले ली. मामला आम चुनाव से पहले का है जब अरविंद केजरीवाल ने एक पत्रकार वार्ता में 13 लोगों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था, जिनमें नितिन गडकरी का भी नाम लिया गया था.

इसके बाद कई अन्य नेताओं समेत नितिन गडकरी ने उन पर मानहानि का मुकदमा किया था. नितिन गडकरी की वकील पिंकी आनंद ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के आदर्शों का हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

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