महात्मा गांधी का वंशवृक्ष Family tree of Mahatma Gandhi

महात्मा गांधी का वंशवृ़क्ष
यह आलेख 2014 के आसपास का है। इसे उसी संदर्भ से ग्रहण करें।

(फोटो: पोते गोपालकृष्ण के साथ महात्मा गांधी। 
गांधीजी की बायीं तरफ आभाबेन और दायीं तरफ मनुबेन हैं।)

राजकोट (गुजरात)। आज गांधीजी को देश ही नहीं, पूरी दुनिया में याद किया जाता है। गांधीजी का जन्मदिवस यानी की 2 अक्टूबर, विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। एक विश्वविख्यात महानुभाव की तरह उन्हें सभी याद करते हैं। यूं तो हम गांधीजी के बारे में बहुत कुछ पढ़ते-सुनते हैं पर आज भी बहुत से लोग गांधीजी के परिवार के बारे में नहीं जानते।

लेकिन आज आपको बताते हैं महात्मा गांधी के परिवार की मौजूदा स्थिति के बारे में... गांधीजी के परिवार की बात करें तो उनके पोते-पोतियां और उनके 154 वंशज आज 6 देशों में रह रहे हैं। इनमें 12 चिकित्सक, 12 प्रोफेसर, 5 इंजीनियर, 4 वकील, 3 पत्रकार, 2 आईएएस, 1 वैज्ञानिक, 1 चार्टड एकाउंटेंट, 5 निजी कंपनियों मे उच्चपदस्थ अधिकारी और 4 पीएचडी धारक हैं। वहीं, परिवार में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा है। गांधीजी के वंशज आज भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, कनाडा, अमेरीका और ऑस्ट्रेलिया में हैं

युनिवर्सिटी ऑफ साउथ केरोलिना के hal frenach नामक एक स्कॉलर ने gandhi’s grand children : the legacy continued टाइटल से एक डॉक्यूमेंट तैयार किया था, जिसमें ये जानकारियां दी गई हैं।



2                                                (फोटो: कस्तूरबा चार बेटों के साथ)

महात्मा गांधी का परिवार:
पिता: करमचंद
माता: पुतलीबाई
बड़ी बहन रलियत
भाई लक्ष्मीदास और भाभी नंद कुंवरबेन
कृष्णदास और भाभी गंगा
गांधीजी और कस्तूरबा के चार बेटे और बहू:
हरिलाल- गुलाब (परिवार में 68 सदस्य)
मणिलाल -सुशीला (परिवार में 39 सदस्य)
रामदास-निर्मला (परिवार में 19 सदस्य)
देवदास-लक्ष्मी (परिवार में 28 सदस्य)
इस तरह गांधीजी के परिवार में 154 सदस्य होते हैं। अगर गांधीजी और कस्तूरबा को इनमें शामिल करें तो यह आंकड़ा 156 होता है। गांधीजी के चार बेटे और उनके 13 बेटे और बेटियां। इस तरह गांधीजी की पोते-पोतियों की संख्या 13 है।

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सबसे बड़े बेटे हरिलाल की दो पत्नियां गुलाब और चंचल


सबसे बड़े बेटे हरिलाल की दो पत्नियां गुलाब और चंचल
संतानें :
बेटी रमीबेन (पति- कुंवरजी पारेख) बच्चे : नवमलिका और सुधा
बेटा कांतिलाल (पत्नी- सरस्वती) बच्चे: शांतिकुमार और प्रदीप
बेटी मनु (पति- मशरूवाला) बच्चे : उर्मि रेणु और बेटा मृणाल

रमीबेन की चार संतानें :
बेटी अनसुया (पति: मोहन पारिख)
बेटा प्रबोध (पत्नी: माधवी)
बेटी नीलम (पति: योगेंद्र पारिख)
बेटी सुधा (पति: व्रजलाल वजरिया)

अनसुया का परिवार:
बेटी लेखावती (पति: बाला सुब्रमण्यम) बच्चे: देव और अमल
बेटा राहुल (पत्नी: नीलिमा) बच्चे: अवनि और अनूप

प्रबोध का परिवार:
बेटी सोनल (पति: भरत) बच्चे : रचना और गौरव
बेटा पराग (पत्नी: पूजा) बच्चे : प्राची औ दर्शन

नीलम का परिवार:
बेटा समीर (पत्नी : रागिनी) बच्चे : सिद्धार्थ, गोपी और पार्थ

सुधा का परिवार :
बेटी पारुल (पति : नैमिश) बच्चे : सार्थक और अनेरी
बेटी मनीषा (पति : राजेश पारिख) बच्चे : मिली और दकश
बेटा रवि (पत्नी : शीतल) बच्चे : नील और आकाश

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गांधीजी के दूसरे बेटे मणिलाल का परिवार:
दो बेटियां : सीता (पति: शशिकांत धूपेलिया), इला (पति: रंबोगिन) और बेटा अरुण (पत्नी: सुनंदा)

सीता का परिवार:
सतीश (पत्नी: प्रतिभा) बच्चे : मिशा, शशिका और बेटा कबीर
उमा (पति: राजेन) बच्चे : बेटी सपना
कीर्ति (पति: सुनील मेनन) बच्चे : बेटी सुनीता

इला का परिवार:
केदार, कुश, आशा, आरती और आशीष (दो बच्चे : निखिल व मीरा)

अरुणभाई का परिवार:
बेटा तुशार (पत्नी : सोनल) बच्चे: विवान और कस्तूरी
बेटी अर्चना (पति: हरिप्रसाद) बच्चे : पारितोश और अनीस (पारितोश के बच्चों के नाम : एलिजाबेथ और माइकल)

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रामदास (पत्नी: निर्मलाबेन) का परिवार


रामदास (पत्नी: निर्मलाबेन) का परिवार
तीन बच्चे :
सुमित्रा (पति: गजानन कुलकर्णी) बच्चे : रामचंद्र (पत्नी: जूलिया), श्रीकृष्ण (पत्नी: नीलू), सोनाली (पति: वेंकटेश)
ऊषा (पति: हरीश गोकाणी) बच्चे : आनंद और संजय

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देवदास (पत्नी: लक्ष्मी) का परिवार:

देवदास (पत्नी: लक्ष्मी) का परिवार:
चार संतानें:
तारा (पति: ज्योतिप्रसाद)
राजमोहन (पत्नी: इंदु)
रामचंद्र (पत्नी: इंदू)
गोपालकृष्ण (पत्नी: तारा)

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                                                     (गांधीजी व कस्तूरबा की फोटो)

राजकोट। दक्षिण आफ्रीका में सत्याग्रह की लड़ाई जारी थी। इसी समय अचानक कस्तूरबा को बार-बार रक्तस्त्राव की समस्या शुरू हो गई। गांधीजी के एक डॉक्टर मित्र ने डर्बन में कस्तूरबा का ऑपरेशन किया और गांधीजी से फोन पर कहा कि तुम्हारी पत्नी की जान बचाने के लिए गाय के मांस का अर्क (बीफ टी) दिया जाना बहुत जरूरी है। बोलो, क्या करना है?

गांधीजी ने जवाब दिया, जब तक मैं वहीं नहीं पहुंच जाऊं, मेरी पत्नी को शराब या मांस से संबंधित कोई दवा न दी जाए। गांधीजी यहां आ पहुंचे। डॉक्टर ने अपनी वही बात दोहराई कि मैंने आपको फोन पर सारी स्थिति बता ही दी थी। गांधीजी ने कहा, तुम हमारे साथ अन्याय कर रहे हो। डॉक्टर ने जवाब दिया, मेरे पास आने वाले मरीजों की जान बचाना ही मेरा धर्म है। अगर आप इसे अन्याय मानते हैं, तो ये आपका धर्म है।

कस्तूरबा की हालत बिगड़ती देख गांधीजी ने उनसे कहा, तुम मेरे इन विचारों (मांस, मदिरा का सेवन न करना) से नहीं बंधी हुई हो। इस बात पर कस्तूरबा ने कहा कि ‘मैं आपकी गोद में सिर रखकर दम तोड़ दूंगी, लेकिन अपने धर्म के खिलाफ नहीं जाऊंगी’।
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गांधीजी को भुनाने से बाज आएं राहुल : महात्मा गांधी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी
 नई दिल्ली। 
आरएसएस को महात्मा गांधी का हत्यारा बताने पर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को फटकार मिली है. कांग्रेस के युवराज को यह फटकार सुनाई है राष्‍ट्रपिता के परपोते श्रीकृष्‍ण कुलकर्णी ने.कुलकर्णी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र लिखकर राहुल गांधी को जबर्दस्‍त फटकार लगाई है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि महात्मा जी की हत्या बहुत पुरानी बात हो चुकी है और उनका परिवार उस घटना से अब काफी दूर जा चुका है. कुलकर्णी ने लिखा है कि यह कहना कि आरएसएस ने महात्मा गांधी की हत्या की, कुछ इस तरह से होगा कि कहा जाए कि आपके पिता की हत्या तमिलों ने की थी. ऐसा कहना मिथ्या नहीं होगा क्या? दो लोगों के मिलने से ही एक समुदाय नहीं बन जाता है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपने स्वार्थों के लिए गांधी के नाम का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विभिन्न आयोगों के फैसलों को स्वीकार कर लेना चाहिए. इसलिए इस पहेली को यहीं खत्म कर देना चाहिए. कुलकर्णी ने यह भी कहा कि कांग्रेस को गांधी के नाम का फायदा उठाने की कोशिश करना बंद कर देनी चाहिए. उन्‍होंने लिखा है, 'आप लोग गांधी परिवार से नहीं है। 
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March 11, 2014
गांधीजी को भुनाने से बाज आएं राहुल

नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] को जिम्मेदार ठहराने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर अब राष्ट्रपिता के परिवार ने भी एतराज जता दिया है। महात्मा गांधी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने खुला खत लिखकर राहुल को सियासी फायदे के लिए गांधीजी के नाम को भुनाने से बाज आने को कहा है।

पेशे से आइटी इंजीनियर श्रीकृष्ण कुलकर्णी का कहना है कि उनके नाना और महात्मा गांधी के तीसरे पुत्र रामदास गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को पत्र लिख नाथूराम गोडसे को फांसी न देने का आग्रह किया था। बेंगलूर में बसे श्रीकृष्ण ने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर नत्थी किए अपने पत्र में कहा है कि 1969 में जब उनके नाना रामदास गांधी मरणासन्न थे, तो नाथूराम गोडसे के छोटे भाई गोपाल गोडसे भी उनसे मिलने आए थे। ऐसे में परिवार के लिए गांधी हत्याकांड अब अतीत का बंद अध्याय है। श्रीकृष्ण ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से आग्रह किया है कि महात्मा गांधी की हत्या पर बने जांच आयोगों के नतीजों का सम्मान किया जाए और सियासी फायदे के लिए इसे भुनाना बंद किया जाए। श्रीकृष्ण कुलकर्णी के मुताबिक चुनावी फायदे के लिए गांधी हत्याकांड को उछालने की कोशिशों के बीच यह जरूरी हो गया था कि महात्मा गांधी के परिवार का ही कोई सदस्य इस मुद्दे पर विराम लगाए। श्रीकृष्ण ने गांधी हत्याकांड के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को दोष देने पर भी तीखा एतराज जताया। उनके मुताबिक किसी एक व्यक्ति की गलती के लिए पूरे समूह या समाज को गलत नहीं ठहराया जा सकता।

राष्ट्रपिता की पौत्री सुमित्रा के बेटे हैं श्रीकृष्ण

महात्मा गांधी के तीसरे बेटे रामदास गांधी की शादी निर्मला गांधी से हुई थी। इनके तीन बच्चे हुए सुमित्रा, कानू और ऊषा। बेटी सुमित्रा आइएएस अधिकारी थीं और इंदिरा गांधी के आग्रह पर 1972-78 के बीच कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य भी रहीं। हालांकि, आपातकाल के दौरान उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता छोड़ दी थी। सुमित्रा की शादी प्रोफेसर गजानन कुलकर्णी से हुई। गजानन आइआइएम अहमदाबाद में फैकल्टी संस्थापक रहे हैं। अभी बेंगलूर में रहते हैं। इन दोनों के तीन बच्चे हुए। जुड़वां बेटे रामचंद्र कुलकर्णी व श्रीकृष्ण कुलकर्णी और बेटी सोनाली कुलकर्णी। गांधीजी की हत्या से जुड़े राहुल गांधी के बयान पर खुला पत्र जारी करने वाले यही श्रीकृष्ण कुलकर्णी हैं।

‘परिवार के लिए महात्मा गांधी हत्याकांड एक बंद अध्याय है। अब राहुल गांधी अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस नाम का इस्तेमाल करना बंद कर दें। किसी एक की गलती के लिए पूरे समूह को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।’

-श्रीकृष्ण कुलकर्णी, महात्मा गांधी के प्रपौत्र

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