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सोनिया, राहुल से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री नटराजन ने कांग्रेस छोड़ी

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कांग्रेस में नहीं आंतरिक लोकतंत्र, हाई कमान में समस्याः जयंती नटराजन http://todayindia.com/?p=2039   January 30, 2015  नई दिल्ली: यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहीं जयंती नटराजन ने कांग्रेस छोड़ दी है। उनके द्वारा सोनिया गांधी को लिखा लेटर मीडिया में आने के बाद शुक्रवार दोपहर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र की कमी की बात भी उठाई। जयंती नटराजन ने कहा, ‘मैंने पार्टी की हर बात मानी, मगर मुझे क्यों हटाया गया था, कुछ पता नहीं। अभी मेरा किसी और पार्टी को जॉइन करने का इरादा नहीं है।’ कांग्रेस हाई कमान पर हमला करते हुए जयंती ने कहा कि राज्य कांग्रेस से कोई विवाद नहीं। समस्या हाई कमान से है। मुझे मैडम सोनिया गांधी से मिलने का वक्त नहीं दिया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही जयंती ने कांग्रेस से अपने रिश्ते की बात कही। उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये दर्द भले पल हैं क्योंकि मेरा परिवार कांग्रेस के साथ इसके गठन के वक्त से है। हालांकि उन्होंने यह कहते देर नहीं लगाई कि अब वक्त आ गया है जब मुझे कांग्रेस से जुड़े होने पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। यह कांग्रेस

संघ देश, धर्म और समाज पर न्यौछावर होने वाले राष्ट्र भक्त तैयार करता है - ओमप्रकाश

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सोमवार, 19 जनवरी 2015 संघ देश, धर्म और समाज पर न्यौछावर होने वाले राष्ट्र भक्त तैयार करता है - ओमप्रकाश पाली १९ जनवरी १४। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश, धर्म और समाज पर न्यौछावर होने वाले राष्ट्र भक्त तैयार करता है। जो समस्याओं से भागता नहीं, बल्कि साहस एवं सकारात्मक सोच के साथ उसका मुकाबला करता है। यह बात रविवार दोपहर को धर्मपुरा केरिया दरवाजा स्थित गोशाला मैदान में मकर संक्रान्ति उत्सव एवं सभा में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख ओमप्रकाश जी  ने कही। उन्होंने कहा कि लोग जिम्मेदारी लेने से बचते है। इस बात को संघ ने समझा और शाखा शुरू कर खेलकूद के माध्यम से स्वयंसेवकों में सकारात्मक सोच, साहस, निर्भिकता का विकास करने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन युद्ध के दौरान घायल हुए भारतीय सैनिकों के लिए रक्त देने के लिए तैयार हुए सैकड़ों स्वयंसेवकों का प्रसंग सुनाया। इसके साथ ही उन्होंने सुभाषचंद्र बोस द्वारा बचपन में मां काली को खून से तिलक लगाने का प्रसंग सुनाया। उसके बाद प्रार्थना एवं ध्वज प्रणाम किया गया। अंत में रेवड़ी का प्रसाद बांटा गया। पाली।

हिन्दुस्थान, हिन्दुराष्ट्र है,यह सत्य है !

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प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी का बौद्धिक 16 फरवरी 2014,स्थान: भाऊराव देवरस सभागार निवेदिता शिक्षा सदन, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) हिन्दुस्थान, हिन्दुराष्ट्र है,यह सत्य है  प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी का बौद्धिक 16 फरवरी 2014,स्थान: भाऊराव देवरस सभागार निवेदिता शिक्षा सदन, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) http://vskkashi.blogspot.in/2014/03/blog-post_12.html माननीय क्षेत्र संघचालक जी और माननीय विभाग संघचालाक जी, उपस्थित अन्य अधिकारीगण एवं आत्मीय स्वयंसेवक बन्धुओं. ये मेरा भी सौभाग्य है कि प्रवास के निमित्त देश के विभिन्न स्थानों पर जाना होता है, और आप सब लोगों के दर्शन का अवसर मिले, लगभग दो तीन वर्षों में एकाध बार अवश्य प्राप्त होता ही है. यहाँ कार्यक्रम की प्रस्तावना में यह कहा गया कि, आपका सौभाग्य है कि सरसंघचालक जी के दर्शन हो गए, और मैं कह रहा हूँ कि मेरा सौभाग्य ये है कि आपके दर्शन हो गए. अब ८८ वर्षों से ये संघ चल रहा है, तो ये भाषा भी अपनी परिचित है. लेकिन हम सबलोग जानते हैं, और अगर नहीं जानते हैं तो हमको ये जानना चाहिए कि ये भाषा मात्र नहीं है, कोई कार्यकर्ता मिलता है

नेताजी सुभाषचंद्र बोस,भारत के प्रथम स्वाधीन राष्ट्राध्यक्ष थे : इन्द्रेशजी

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे भारत के प्रथम स्वाधीन राष्ट्राध्यक्ष: इन्द्रेशजी स्त्रोत: vskbharat.com बुधवार, 28 जनवरी 2015 भुवनेश्वर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री इंद्रेश कुमार जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत का प्रथम राष्ट्राध्यक्ष बताते हुए कहा है कि उनके नेतृत्व में गठित प्रथम स्वाधीन भारत सरकार को जापान, जर्मनी, रूस और दस अन्य देशों ने मान्यता दी थी. इतना ही नहीं, वे स्वाधीन भारतीय सेना के प्रथम सेना नायक भी थे. नेताजी और वीर सुरेन्द्र साये की जयंती पर 23 जनवरी को संघ व्दारा आयोजित युवा सम्मेलन में इंद्रेश जी ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि अगर नेताजी होते तो पिछले 60 सालों में भारत की राजनीति का चित्र काफी अलग होता. उन्होंने कहा कि जानबूझकर नेताजी, वीर सुरेन्द्र साये और स्वामी विवेकानन्द जैसे राष्ट्रनायकों को   लोगों से दूर रखा गया. इसलिये अब आने वाले दो वर्षों में इन क्रांतिकारियों के जीवन को लोगों के सामने लाने के लिये प्रयत्न जरूरी हैं. सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सेना के सेवानिवृत्त कर्नल हिमांशु शेखर महापात्र ने युवा पीढ़ी क

अमेरिकी राष्ट्रपति , हनुमान भक्त बराक ओबामा !

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ओबामा , प्रतिभा आडवाणी के पास  आए और बड़े गर्व से हनुमान जी की छोटी सी प्रतिमा दिखाई The photo by Brooks Kraft that appeared in Time on June 2, 2008 shows candidate Obama displaying a palm-full of “lucky” charms.    The full photo is  कैसे हनुमान भक्त बन गए बराक ओबामा http://khabar.ibnlive.in.com/news/135284/1 आईबीएन-7 | Jan 27, 2015 http://khabar.ibnlive.in.com/news/135284/1 नई दिल्ली। जिंदगी के तमाम पड़ावों में, मुश्किलों में, परेशानी में, जब हौसला चाहिए होता है, हिम्मत चाहिए होती है, तब ओबामा याद करते हैं हनुमान को। एक ऐसा सहारा जो तब से उनने साथ है जब उनके पहले पिता उन्हें छोड़कर चले गए थे जब जिंदगी में दूसरे पिता आए थे। जी हां, दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को शक्ति मिलती है भगवान हनुमान से। इस बात का चर्चा पिछले काफी सालों से होती रही है। लेकिन रविवार को पहली बार खुद बराक ओबामा ने बताया कि हनुमान जी की उनकी जिंदगी में क्या अहमियत है। रविवार रात सवा नौ बजे के करीब जब ओबामा राष्ट्रपति भवन में खास मेहमानों से एक एक करके मिल

ओबामा : भारत और अमरीका विविधता में एकता वाले देश

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  ओबामा के भाषण की 12 ख़ास बातें http://www.bbc.co.uk/hindi     अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दिल्ली के सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम में शहर के युवाओं और अन्य निवासियों को संबोधित करते हुए अमरीका को भारत का बेस्ट पार्टनर बताया. उन्होंने भारत में विविधता का ज़िक्र करते हुए ज़ोर देकर कहा कि अमरीका और भारत की सबसे बड़ी ताकत दोनों की अनेकता में एकता है. भारत और अमरीका विविधता में एकता वाले देश हैं और दोनों देशों को इसे बचाना और बढ़ाना चाहिए. 1 . अमरीका के मार्टिन लूथर किंग गांधी जी से प्रेरित थे. ये बात दोनों देशों को जोड़ती है. 2 . भारत और अमरीका विविधता में एकता वाले देश हैं और दोनों देशों को इसे बचाना और बढ़ाना चाहिए. 3 .   एक और संपर्क है. एक समय विवेकानंद आए थे अमरीका..वो भी मेरे शहर शिकागो में और हिंदू धर्म का संदेश दिया था. उनके शब्द थे अमरीका के भाईयो और बहनो. मैं वो शब्द दोहराता हूं...भाइयो और बहनो 4 . हर धर्म का सम्मान होना चाहिए और धर्म के प्रचार प्रसार की आज़ादी भी. 5 . अमरीका चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार हो और भारत को स्थायी सीट मिले. 6

भारत-अमेरिका : सुधरते रिश्तों ने शेयर बाजार को लगाए पंख

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अमेरिका से सुधरते रिश्तों ने बाजार को लगाए पंख जागरण Tue, 27 Jan 2015 मुंबई। दलाल स्ट्रीट में मंगलवार को लगातार आठवें सत्र में तेजी का दौर बना रहा। भारत-अमेरिका के सुधरते कारोबारी रिश्तों से उत्साहित निवेशकों ने शेयरों में चौतरफा लिवाली की। इससे बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 292.20 अंक यानी एक फीसद उछलकर नए शिखर पर पहुंच गया। यह संवेदी सूचकांक 29571.04 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 74.90 अंक की छलांग लगाकर 8900 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। यह 8910.50 अंक पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआइआइ) बाजार में बड़े लिवाल बने हुए हैं। भारत के साथ कारोबार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चार अरब डॉलर के निवेश का एलान किया है। इसने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया। ओबामा की भारत यात्रा के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में हुए समझौतों से भी बाजार का माहौल गरम रहा। इसमें वह करार विशेष रूप से शामिल है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां भारत में परमाणु संयंत्र बना सकेंगी। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स इस दिन 29451.65 अंक पर मजबूत खु

नेहरूजी ने गणतंत्र दिवस परेड में संघ के स्वयंसेवकों को आमंत्रित किया था

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गणतंत्र दिवस परेड में स्वंय सेवक इतिहास के झरोखे से - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्र हितैषी भूमिका    http://www.krantidoot.in/2014/11/blog-post_30.html   नेहरू जी के विशेष आग्रह पर 1963 में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते संघ स्वयंसेवक सामान्यतः आज की पीढ़ी के अधिकाँश लोगों को ज्ञात नही है कि 1962 में भारत चीन युद्ध के समय आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जो सहायता की गई उसके आभार स्वरुप 1963 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. जवाहर लाल नेहरू ने गणतंत्र दिवस की परेड में आर एस एस को आमंत्रित किया था | 1962 में चीन युद्ध के दौरान आरएसएस के स्वयंसेवक व्यापक तौर पर सरकारी कार्यों में सहयोग और विशेष रूप से जवानों के लिए समर्थन जुटाने में जुट गए थे | पंडित नेहरू ने 26 जनवरी 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए संघ को आकस्मिक रूप से आमंत्रित किया किन्तु एक मात्र दो दिन की सूचना पर 3500 से अधिक स्वयंसेवकों ने पूर्ण संघ गणवेश में परेड में भाग लिया जोकि मार्च कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण बन गया | बाद में कुछ कांग्रेसी नेताओं ने संघ को निमंत्रित किये जाने के पंडित ने

एटमी डील को लेकर मतभेद दूर : मोदी-ओबामा ने लिखा नया अध्याय

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पीएम नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मोदी-ओबामा ने लिखा रिश्ते का नया अध्याय, एटमी डील को लेकर सारे मतभेद दूर aajtak.in [Edited By: अमरेश सौरभ] | नई दिल्ली, 25 जनवरी 2015 http://aajtak.intoday.in/story/narendra-modi-and-barack-obama-joint-statement-after-bilateral-talks-1-796772.html प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच रिश्ते को नई बुलंदी तक पहुंचा दिया है. भारत और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील पर फंसा पेच अब खत्म हो गया है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी को अमेरिका का समर्थन मिल गया है. अमेरिका रक्षा क्षेत्र में भी भारत की मदद करने को तैयार है. एटमी डील पर आगे बढ़ेंगे भारत और अमेरिका अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते में नया उत्साह और भरोसा पैदा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस रिश्ते की सफलता से हमारी तरक्की होगी और दुनिया में भी स्थ‍िरता और संपन्नता बढ़ेगी. अमेरि

ओबामा ने कहा, मोदी मुझसे कम सोते हैं

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साझा बयान जारी करते राष्ट्रपति ओबामा ओर प्रधानमंत्री मोदी                                  aajtak.in [Edited By: स्वपनल सोनल] | नई दिल्ली, 25 जनवरी 2015 http://aajtak.intoday.in रविवार सुबह पालम एयरपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया. हैदराबाद हाउस में चाय की केतली की गर्माहट दोनों के रिश्तों में घुलती दिखी, तो साझा बयान के दौरान प्रधानमंत्री ने ओबामा के साथ दोस्ती की नई केमिस्ट्री पर खुशी जताई. दोनों नेताओं के बीच रिश्तों की यह इबारत और भी पक्की तब हुई, जब ओबामा ने हंसी-ठिठोली में सही, यह जता दिया कि दोनों आपस में राजनीति से इतर आपसी मुद्दों पर, यहां तक कि सोने की आदतों पर भी चर्चा करते हैं. हैदराबाद हाउस में साझा बयान के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनमें और बराक ओबामा में अच्छी दोस्ती हो गई है और दोनों के बीच जो बातचीत हुई है, उसे पर्दे में ही रहने देना बेहतर है. मोदी ने कहा, 'मैं और बराक अब अच्छे दोस्त हो गए हैं. हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, जिन्हें पर्दे में रहने दिया जाए, तो अच्छा है.

राष्ट्रध्वज केसरिया से तिरंगा तक की गाथा

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                                                           हिंदू भगवा ध्वज http://www.ugtabharat.com   विजय कुमार सिंघल भगवा ध्वज हिन्दू संस्कृति और धर्म का शाश्वत प्रतीक है। यह हिन्दू धर्म के प्रत्येक आश्रम, मन्दिर पर फहराया जाता है। यही श्रीराम, श्रीकृष्ण और अर्जुन के रथों पर फहराया जाता था और छत्रपति शिवाजी सहित सभी मराठों की सेनाओं का भी यही ध्वज था। यह धर्म, समृद्धि, विकास, अस्मिता, ज्ञान और विशिष्टता का प्रतीक है। इन अनेक गुणों या वस्तुओं का सम्मिलित द्योतक है अपना यह भगवा ध्वज। भगवा ध्वज का रंग केसरिया है। यह उगते हुए सूर्य का रंग है। इसका रंग अधर्म के अंधकार को दूर करके धर्म का प्रकाश फैलाने का संदेश देता है। यह हमें आलस्य और निद्रा को त्यागकर उठ खड़े होने और अपने कर्तव्य में लग जाने की भी प्रेरणा देता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि जिस प्रकार सूर्य स्वयं दिनभर जलकर सबको प्रकाश देता है, इसी प्रकार हम भी निस्वार्थ भाव से सभी प्राणियों की नित्य और अखंड सेवा करें। यह यज्ञ की ज्वाला का भी रंग है। यज्ञ सभी कर्मों में श्रेष्ठतम कर्म बताया गया है। यह आन्तरिक और बाह्य पव