मुलायम ने,अखिलेश को पार्टी से निष्कासित कर दिया


न जानें क्यों लगता है कि मुलायम - अखिलेश का कथित झगड़ा ( हाई क्लास एक्टिंग ) सोची समझी वोट ठगी की नौटंकी मात्र है। सत्ता से बाहर खड़ी सपा अखिलेश को सहानुभूती दिला कर जनता से वोट ठगना चाहती है।

- अरविन्द सिसोदिया , कोटा , राजस्थान 94141 80151 



अखिलेश-रामगोपाल पार्टी से बाहर, 

सीएम के घर के बाहर समर्थकों की नारेबाजी

बालकृष्ण/कुमार अभिषेक [Edited by: अमित दुबे]
लखनऊ, 30 दिसंबर 2016,

समाजवादी पार्टी के भीतर मचा घमासान और तेज हो गया है. तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव और भाई रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

रामगोपाल द्वारा पार्टी का सम्मेलन बुलाने पर मुलायम सिंह ने यह कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो भी सम्मेलन में हिस्सा लेगा, उसे पार्टी से निकाला जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने का अधिकार केवल पार्टी अध्यक्ष को है, दूसरा कोई नहीं बना सकता है.

लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सपा मुखि‍या ने कहा कि रामगोपाल अखिलेश यादव को गुमराह कर उनका भविष्य खत्म कर रहे हैं. मुलायम सिंह ने बताया कि पार्टी का अनुशासन तोड़ने पर ये बड़ा फैसला लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि रामगोपाल का पार्टी में कोई योगदान नहीं है.

साथ ही मुलायम ने कहा कि रामगोपाल के बुलाए अधिवेशन में पार्टी नेताओं और मंत्रियों के शामिल होने को भी अनुशासनहीनता माना जाएगा. मुलायम की मानें तो रामगोपाल का पार्टी में कोई योगदान नहीं है.

अखिलेश को पार्टी से निकालने के बाद मुलायम ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा उसका वो जल्द ऐलान करने वाले हैं, क्योंकि ये उनका अधिकार है.

दो बड़े फैसले लेने के बाद मुलायम ने कहा कि पार्टी को उन्होंने खड़ा किया है और वो उसे टूटने नहीं देंगे. साथ ही सपा प्रमुख ने दोहराया कि रिश्ते से बड़ी उनके लिए पार्टी है.

रामगोपाल ने निष्कासन को बताया असंवैधानिक
इसके कुछ देर बार रामगोपाल यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि ये निष्कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है. नोटिस देने के आधे घंटे के अंदर ही दोनों को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया, दोनों को जवाब देने वक्त तक नहीं दिया गया. रामगोपाल ने आरोप लगाया कि पार्टी में लगातर असंवैधानिक काम हो रहा है.

रामगोपाल ने कहा कि नेताजी को पार्टी का संविधान अच्छी तरह से पता है. रामगोपाल ने कहा कि जहां तक पार्टी सम्मेलन बुलाने की बात है तो कार्यकर्ताओं की मांग पर ये सम्मेलन बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि जब गैर यादवों के बीच वोट मांगने की बात आती है तो फिर मुलायम को रामगोपाल याद आते हैं और उन्हें लोगों के बीच काम करने के लिए किसी सरकार की जरुरत नहीं है.

रामगोपाल का कहना है कि शिवपाल के अगुवाई में ऐसे तमाम नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है, जिनकी कोई जमीनी पकड़ नहीं है और चुनाव में उनकी जमानत तक नहीं बचेगी. इसी के खिलाफ आवाज उठाने से निष्कासन का ये गलत कदम उठाया गया है. साथ ही रामगोपाल ने कहा कि जनता को पता है कि उनका सीएम कौन हैं और आने वाले दिनों में इसका सही परिणाम दिखेंगे.

गौरतलब है कि अलग लिस्ट जारी करने से सपा मुखिया मुलायम सिंह अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव से बेहद नाराज हैं. उन्होंने दोनों को कारण बताओ नोटिस भेजते हुए इनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया है. सपा मुखि‍या बयानबाजी को लेकर रामगोपाल पर नाराज बताए जा रहे हैं. गुरुवार को अखिलेश यादव ने 235 उम्मीदवारों की अपनी अलग लिस्ट जारी की. जिसके बाद शिवपाल यादव ने 68 और नाम घोषित कर 403 में से 393 उम्मीदवारों के नाम के नाम का ऐलान कर दिया.
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रामगोपाल पर मुलायम के ये 10 वार, अभी निकाला है आगे और भी कुछ करूंगा

पीयूष शर्मा नई दिल्ली, 30 दिसंबर 2016, अपडेटेड 19:38 IST
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. सपा अध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन बुलाते हुए इस आशय की घोषणा की और इस दौरान रामगोपाल पर किए 10 वार.

1. लिस्ट बनाने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष को ही है.

2. राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है वो आप जानों.

3. रामगोपाल को पार्टी विरोधी काम करने पर उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है.

4. क्यों रामगोपाल को विशेष अधिवेशन बुलाने का अधिकार है.

5. रामगोपाल ने पार्टी को कमजोर किया है. इन्होंने जानबूझकर चुनाव के समय ऐसा काम किया है.

6. एक दिन में कोई अधिवेशन नहीं बुलाया जाता है.

7. रामगोपाल ने हमसे पूछा भी नहीं. हमें तो प्रेस के माध्यम से पता चला.

8. कोई कैसे एक दिन में आ सकता है. इसके लिए कम से कम 15 दिन चाहिए.

9. सभी सपा कार्यकर्ता, विधायकों से अपील है कि कोई इसमें शामिल न हों.

10. इसमें शामिल होना अनुशासनहीनता है. मैं नहीं चाहता कि किसी के खिलाफ कोई मैं कार्रवाई करूं. इसे तो अभी मैंने 6 साल के लिए निकाला है. अभी तो इन पर और कार्रवाई की जाएगी.
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मुलायम के सवालों का रामगोपाल ने इस तरह दिया दो टूक जवाब

पीयूष शर्मा   लखनऊ, 30 दिसंबर 2016
सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को छह सालों के लिए निष्कासित कर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. मुलायम सिंह के निष्कासन के फैसले को खारिज करते हुए रामगोपाल यादव ने नियमों का हवाला दिया और पद पर बने रहने की दृढ़ता दिखाई. इसके साथ ही पार्टी के टूट के आसार बनने लगे हैं. रामगोपाल यादव ने पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के सवालों का एक-एक कर जवाब दिया.


1. मुलायम सिंह: रामगोपाल को पार्टी विरोधी काम करने पर उन्‍हें 6 साल के लिए निष्‍कासित किया जाता है.
    रामगोपाल: ये निष्‍कासन पूरी तरह से असंवैधानिक है. हमारा जवाब सुने बिना ही उन्‍होंने मुझे और सीएम को निकाल दिया.

2. मुलायम सिंह: क्‍या रामगोपाल को विशेष अधिवेशन बुलाने का अधिकार है.
   रामगोपाल: पार्टी का अध्‍यक्ष ही यदि असंवैधानिक काम करें तो अधिवेशन कौन बुलाएगा. एक भी मीटिंग नहीं हुई. अब आप बताइए कि कैसे कैंडिडेट तय हो गए.

 3. मुलायम सिंह: एक दिन में कोई अधिवेशन नहीं बुलाया जाता है.
     रामगोपाल: आपातकालीन मीटिंग कभी भी बुलाई जा सकती है. आपातकालीन अधिवेशन के लिए कोई भी टाइम लिमिट नहीं होती. मैंने जनरल सेक्रेटी की हैसियत से ये मीटिंग बुलाई है और मैं इस पद पर बना रहूंगा.

4. मुलायम सिंह: रामगोपाल ने पार्टी को कमजोर किया है. इन्‍होंने जानबूझकर चुनाव के समय ऐसा काम किया है.
    रामगोपाल: जो पार्टी के मेंबर नहीं है उन्‍हें टिकट दिया जा रहा है. तेजप्रताप जी को भी नहीं पूछा गया. जिनको टिकट दिया गया उनकी जमानतें नहीं बचेंगी.

5. मुलायम सिंह: रामगोपाल ने हमसे पूछा भी नहीं. हमें तो प्रेस के माध्‍यम से पता चला.
    रामगोपाल: विधानसभा चुनावों में ये मालूम पड़ जाएगा कि कौन कितना एसेप्‍टेबल है.

6. मुलायम:  कोई कैसे एक दिन में आ सकता है. इसके लिए कम से कम 15 दिन चाहिए.
   अखिलेश : मैं सभी से गुजारिश करता हूं कि वो एक तारीख को लखनऊ आएं अधिवेशन में.

7. मुलायम सिंह: रामगोपाल सीएम का भविष्‍य खराब कर रहा है.
    रामगोपाल: मैं लखनऊ बहुत कम आता हूं. मैंने आज तक किसी भी प्रशासनिक काम में अखिलेश को राय नहीं दी. मैं उनका भविष्‍य नहीं बिगाड़ रहा. मुझे अपना काम कराने के लिए सरकार की दरकार नहीं है.
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UP में संवैधानिक संकट, फिर सीएम बनेंगे मुलायम

Updated:2016-12-30


नई दिल्ली। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अखिलेश यादव पर गुटबाजी करने का आरोप लगाया गया है। अखिलेश की बर्खास्तगी के बाद उत्तर प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। अब अखिलेश की सरकार अल्पमत में है। इस घटनाक्रम के साथ समाजवादी पार्टी पिछले दो महीने से जारी कलह की वजह से दो फाड़ हो गई है। पिता-पुत्र आमने सामने हैं। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव सरकार बनाने के लिए समाजवादी पार्टी की ओर से दावा प्रस्तुत करेंगे। patrika.com अपने रीडर्स को हर बड़े अपडेट की जानकारी दे रहा है। अखिलेश की बर्खास्तगी की खबर के बाद उनके घर के सामने कार्यकर्ताओं का हुजूम जुट गया। उनके पक्ष में जमकर नारेबाजी की गई।
अखिलेश कर रहे हैं मुलायम की मीटिंग का इंतज़ार
अखिलेश यादव भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। कहा जा रहा है कि इसमें वे आगे की योजना का खुलासा करें। वे अभी मुलायम के घर हो रही मीटिंग की घोषणा का इंतज़ार कर रहे हैं।
मुलायम के घर के अंदर मीटिंग
मुलायम के घर के अंदर मीटिंग हो रही है। इसमें शिवपाल समेत अखिलेश विरोधी खेमा के नेता शामिल हैं। कहा जा रहा है कि मीटिंग के बाद पार्टी की ओर से अखिलेश को सीएम पद से हटाने की घोषणा की जा सकती है। उनकी जगह नेताजी मुलायम खुद दावेदारी कर सकते हैं।
गवर्नर ने कहा- संवेधानिक संकट नहीं
उधर, घटनाक्रम को लेकर राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि यूपी में किसी तरह का संवेधानिक संकट नहीं है। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक़ वे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
अखिलेश के समर्थक सड़क पर, फाड़े शिवपाल के पोस्टर
भारी संख्या में अखिलेश के समर्थक सड़क पर उतर गए हैं। कार्यकर्ता उनके पक्ष में नारेबाजी कर रहे हैं। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने शिवपाल के खिलाफ नारेबाजी कर उनके पोस्टर फाड़े।
कांग्रेस ने आतंरिक मामला बताया, बीजेपी ने परिवार केन्द्रित पार्टी
कांग्रेस और जेडीयू ने इसे आतंरिक मामला बताते हुए कमेंट करने से इनकार कर दिया। बीजेपी ने कहा कि यह परिवार केंद्रित पार्टी है और अब परिवार टूट गया है। बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव से इस्तीफा मांगा है।

अब तक क्या हुआ ....
#1) सपा ने जारी की लिस्ट, अखिलेश के समर्थकों के टिकट काटे
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुलायम सिंह ने शिवपाल की मौजूदगी में 178 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। नेताजी ने यह भी साफ़ कर दिया था कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का नाम अनाउंस नहीं होगा। टिकट पाने वाले ज्यादातर शिवपाल के समर्थक थे। उनके साथ शिवपाल यादव भी मौजूद थे। मुलायम ने यह भी साफ़ किया कि किसी दल के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा।
#2) अखिलेश नाराज
बुधवार को सपा चीफ के टिकट बंटवारे से अखिलेश नाराज हुए। उन्होंने कहा कि वे नेताजी से मिलकर बात करेंगे। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि वे अपने उम्मीदवारों को चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतारेंगे। अखिलेश ने जवाबी कार्रवाई करते हुए शिवपाल के करीबी आवास विकास परिषद् की उपाध्यक्ष सुरभि शुक्ला और उनके पति डॉक्‍टर संदीप शुक्ला को बर्खास्‍त कर दिया। संदीप शुक्‍ला यूपी राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) में सलाहकार थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार सुलतानपुर से उन्हें टिकट भी दिया जा रहा है।

अखिलेश पार्टी से निकाले जा चुके हैं। सपा राज्यपाल से मिलकर अखिलेश को हटाने की मांग कर सकती है। हालांकि अखिलेश सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल से वक्त मांग सकते हैं। इस वक्त सपा के 229 विधायक हैं। अखिलेश को बहुमत के लिए 203 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। उन्हें कांग्रेस और रालोद की मदद मिल सकती है।
#3) समर्थक विधायक मंत्रियों के साथ की मीटिंग
गुरुवार को अखिलेश ने समर्थक विधायक मंत्रियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान उन विधायकों मंत्रियों ने जमकर भड़ास निकाली जिनके टिकट कटे थे। सभी ने एक स्वर में अखिलेश से कड़ा कदम उठाने को कहा। अखिलेश मुलायम से भी मिले। इस दौरान शिवापाल भी मौजूद थे। करीब एक घंटे तक तीनों में बात हुई, लेकिन कुछ तय नहीं हो पाया।
#4) अखिलेश ने जारी की लिस्ट
गुरुवार को ही अखिलेश ने देरशाम अपने 203 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। इसमें अतीक अहमद, मुलायम की छोटी बहू और मुख्तार अंसारी के भाई का नाम नहीं था। लिस्ट में उन नामों को शामिल नहीं किया गया जिस पर अखिलेश आपत्ति दर्ज करवा चुके थे। अखिलेश द्वारा कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी करने के कुछ देर बाद शिवपाल ने मुलायम से मीटिंग की और देर रात 68 और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी।
#5) और बर्खास्त हुए अखिलेश-राम गोपाल
शुक्रवार को मुलायम सिंह ने शिवपाल की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इस बर्खास्तगी पर सवाल उठाते हुए रामगोपाल ने असंवेधानिक करार दिया। मुलायम ने अखिलेश को लेकर यह भी कहा कि अब उनका भविष्य ख़त्म हो गया है।



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